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- – यह गीत प्रेम और स्नेह की भावना को व्यक्त करता है, जिसमें प्रियतम को सादर और प्रेमपूर्वक आमंत्रित किया गया है।
- – गीत में स्वागत, सेवा और समर्पण की भावनाएं प्रमुख हैं, जैसे नैनों से स्वागत करना और प्रेमामृत रस से प्रिय को नहलाना।
- – प्रिय के लिए कोमलता और ममता का प्रदर्शन किया गया है, जैसे कोमल सेज पर सुलाना और चरण दबाना।
- – गीत में आनंद और उत्साह की भावना भी है, जहां नाच-गाना और हर्ष मनाने का वर्णन है।
- – समग्र रूप से यह गीत प्रेम, आदर, सेवा और खुशी के माध्यम से संबंधों की मधुरता को दर्शाता है।

मैं तुमको श्याम बुलाऊँ,
सादर घर में पधराऊँ,
मैं तुमको श्याम बुलाऊँ
सादर घर में पधराऊँ।।
नैनो से स्वागत गाउँ,
नैनो से स्वागत गाउँ,
सर्वस्व मैं तुझे रिझाऊँ,
सर्वस्व मैं तुझे रिझाऊँ,
अँखियन जल पेर धुलाऊँ,
अँखियन जल पेर धुलाऊँ,
हिए झूले तुम्हे झुलाऊ,
हिए झूले तुम्हे झुलाऊ।।
प्रेमामृत रस नहलाऊं,
प्रेमामृत रस नहलाऊं,
भोजन रस मधुर कराऊँ,
भोजन रस मधुर कराऊँ
प्रिय कोमल सेज सुलाऊँ,
प्रिय कोमल सेज सुलाऊँ,
सुर्कीत अती पवन ढुलाऊँ ।।
कोमल कर चरण दबाऊँ,
कोमल कर चरण दबाऊँ,
प्यारे मैं न्योछावर जाऊँ,
प्यारे मैं न्योछावर जाऊँ,
छीन छीन मन मौज बढ़ाऊँ,
छीन छीन मन मौज बढ़ाऊँ,
नाचूँ गाउँ हरषाऊँ,
नाचूँ गाउँ हरषाऊँ।।
मै तुमको श्याम बुलाऊँ,
सादर घर में पधराऊँ,
मैं तुमको श्याम बुलाऊँ
सादर घर में पधराऊँ।।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
