- – यह गीत उज्जैन नगरी और भगवान भोलेनाथ (महाकाल) की भक्ति में लिखा गया है।
- – गीत में सावन के महीने में भक्तों द्वारा कावड़ लेकर महाकाल को जल चढ़ाने की परंपरा का वर्णन है।
- – भोलेनाथ के त्रिदल, त्रिगुणाकार, त्रिनेत्र और त्रियायुध स्वरूप का उल्लेख किया गया है।
- – भक्त अपने ध्यान और जाप से शिव की भक्ति करते हैं और उनकी कृपा की प्रार्थना करते हैं।
- – गीत में उज्जैन नगरी आने और कावड़ लेकर भोलेनाथ के दर्शन करने की भावना व्यक्त की गई है।
- – गायक ऋतुराज महाराज ने इस भक्ति गीत को प्रस्तुत किया है।

मैं देखो उज्जैन नगरी आया,
श्लोक – त्रिदलं त्रिगुणाकारं,
त्रिनॆत्रं च त्रियायुधं,
त्रिजन्म पापसंहारम,
बिल्वंपत्रम शिवार्पणं।
मैं देखो उज्जैन नगरी आया,
संग कावड़ भी भरकर लाया,
भोलेनाथ भोलेनाथ,
मैं देखों उज्जैन नगरी आया,
संग कावड़ भी भरकर लाया,
ओ बाबा करदो कृपा मुझपे आज,
ओ बाबा करदो कृपा मुझपे आज।।
जब जब सावन आए,
भक्त कावड़ ले आए,
कावड़ का जल चढ़ाएं ओ बाबा,
करदो कृपा महाकाल,
ओ बाबा करदो कृपा महाकाल।।
जब जब ध्यान लगाऊ,
शिव शिव शिव मैं जपते जाऊ,
आपका दर्शन पाऊं ओ शंभू,
आपका ही मैं हो जाऊ,
ओ शंभू आपका ही मैं हो जाऊ।।
मैं देखों उज्जैन नगरी आया,
संग कावड़ भी भरकर लाया,
भोलेनाथ भोलेनाथ,
मैं देखों उज्जैन नगरी आया,
संग कावड़ भी भरकर लाया,
ओ बाबा करदो कृपा मुझपे आज,
ओ बाबा करदो कृपा मुझपे आज।।
गायक / प्रेषक – ऋतुराज महाराज।
7024874463
