- – यह गीत भगवान राम के प्रति गहरी भक्ति और समर्पण को दर्शाता है, जिसमें सभी देवताओं को छोड़कर केवल राम का ध्यान करने की बात कही गई है।
- – गीत में राम को हीरा और लाल के समान मूल्यवान बताया गया है, जिनसे मिलने पर जीवन में सब कुछ संभव हो जाता है।
- – भक्ति में जाति, ऊँच-नीच और भेदभाव को नकारते हुए मानवता और समानता पर जोर दिया गया है।
- – गीत में राम के नाम की महिमा का वर्णन है, जो मन और आत्मा को शुद्ध करता है और सभी तीर्थ स्थानों से बढ़कर है।
- – भक्ति के माध्यम से जीवन में ज्ञान और शांति प्राप्त करने की प्रेरणा दी गई है, जो सभी सांसारिक बाधाओं से ऊपर है।

मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा,
श्लोक – रामा कहू के रामदेव,
हीरा कहू के लाल,
ज्याने मिलिया रामदेव,
पल में किया न्याल,
धरती रो कागज़ बने,
समुन्द्र बने दवात,
लिखने वाली सरस्वती,
फिर भी लिखियो ना जाए।।
मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा,
म्हारे मन रे विणा पर थारी वाणी गावा,
मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा।।
ना जाऊ में काशी मथुरा ना कोई तीर्थ धाम,
रोम रोम में रम गयो म्हारे रामदेव रो नाम,
मैं तो सारे जग ने छोड़ थारे शरणे आया,
मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा।।
भक्ता पर तो भीड़ पड़ी थी आकर लाज बचावो,
आंधलिया पांगलिया री प्रभु थे तो आन निभावो,
मे तो गावो घर घर गीत धजा थारी फेहरावा,
मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा।।
ना कोई ऊँचो ना कोई नीचो ना कोई छुआ छूत,
भेद भाव सब बाता झूठी साची मानव जात,
म्हारे मन उपजावो ग्यान प्रभु में तीर जावा,
मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा।।
मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा,
म्हारे मन रे विणा पर थारी वाणी गावा,
मैं तो सब देवा ने छोड़ रामसा ने ध्यावा।।
Singer : Abita Patel
“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
सम्पर्क : +91 9096558244
