भजन

मेरी नैया लगी है किनारे प मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे प – Meri Naiya Lagi Hai Kinare Pa Main Vari Jau Pitar Dada Thare Pa – Hinduism FAQ

धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now
  • – यह कविता पितर दादा से सहायता और दया की विनती करती है, जो जीवन के संकटों को दूर करने वाले देवता हैं।
  • – कवि अपनी नैया (जीवन) किनारे लगी हुई बताता है, जो संकट में है और पितर दादा से मार्गदर्शन और सहारा चाहता है।
  • – कविता में परिवार की खुशहाली, रोजगार, और बिगड़े कामों के सुधार की प्रार्थना की गई है।
  • – भैंस के दूध उत्पादन और आर्थिक स्थिति सुधारने की भी मांग की गई है।
  • – कवि पितर दादा की कृपा से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि की आशा करता है।

Thumbnail for main-vaari-jaun-pitar-dada-thare-pe-lyrics

मेरी नैया लगी है किनारे प,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे प।।



पितर दादा मेहर फिरा दे,

उजड़ा मेरा संसार बसा दे,
कुछ दया करो दादा महारे प,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे प।।



मारं लात ये भैंस दुधारी,

विनती सुन लो दादा हमारी,
या ज़िंदगी तेरे इशारे प,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे प।।



पांचो कपड़े रखे तुम्हारे,

बिगड़े काम बनाओ हमारे,
थारी फिरके ध्वजा चुबारे प,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे प।।



दूध पूत रोजगार बढ़ाणा,

दास राजेंदर पे मेहर बरसाणा,
कर दया तू भोली वेचारे पे,
मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे प।।



मेरी नैया लगी है किनारे प,

मैं वारि जाऊ पितर दादा थारे प।।

प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान(रोहतक)
9992976579


यह भी जानें:  आज मिल्या मौका, भोले के दर्शन पाने का: भजन (Aaj Mila Mauka Bhole Ke Darshan Pane Ka)
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may also like