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मैया तेरे नवराते हैं मैं तो नाचू छम छमा छम भजन लिरिक्स – Maiya Tere Navarate Hain Main To Nachu Chham Chhama Chham Bhajan Liriks – Hinduism FAQ

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  • – यह गीत नवरात्रि के उत्सव और माँ दुर्गा की भक्ति में रचा गया है, जिसमें भक्त अपनी खुशी और नृत्य के माध्यम से माँ के गुण गा रहे हैं।
  • – गीत में नवरात्रि के दौरान सजावट, भक्तों की भक्ति और माँ के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना व्यक्त की गई है।
  • – माँ दुर्गा की कृपा और आशीर्वाद से जीवन सुंदर और खुशहाल बनने की कामना की गई है।
  • – गीत में सावन के मौसम की रिमझिम बारिश और प्रकृति की सुंदरता का भी उल्लेख है, जो उत्सव के माहौल को और भी जीवंत बनाता है।
  • – भक्त माँ के चरणों में स्थान पाने और उनके दर्शन की तीव्र इच्छा प्रकट करते हैं, जो उनकी भक्ति की गहराई को दर्शाता है।
  • – स्वर श्री लखबीर सिंह लक्खा जी ने दिया है और गीत के प्रेषक शेखर चौधरी हैं, जो इस भक्ति गीत को प्रस्तुत करते हैं।

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मैया तेरे नवराते हैं,
मैं तो नाचू छम छमा छम,
छमाछम छमाछम छमाछम,
मैया तेरे जगराते हैं,
मैं तो गाऊं तेरे गुण,
छमाछम छमाछम छमाछम,
तेरी धुन में मगन,
मेरा झूम रहा तन,
जैसे नाचे है मोर,
देख रिमझिम सावन,
जैसे घिर आए फिर बदरा,
घनन घनन घन,
छमाछम छमाछम छमाछम,
मैया तेरे नवराते है,
मैं तो नाचू छम छमा छम।।



सज गई है सारी गलियां,

सज गए हैं चौबारे,
ऐसे में दिल ये मेरा,
मैया मैया पुकारे,
जी रहे हैं हम तो माता,
एक तेरे सहारे,
भर आएंगे मेरे नैना,
होंगे जो दर्शन तुम्हारे,
मैया मेरे घर में आना,
आकर कभी तू ना जाना,
करता रहूं तेरी सेवा,
हो जाए जीवन सुहाना,
तेरी धुन में मगन,
मेरा झूम रहा तन,
जैसे नाचे है मोर,
देख रिमझिम सावन,
जैसे घिर आए फिर बदरा,
घनन घनन घन,
छमाछम छमाछम छमाछम,
मैया तेरे नवराते है,
मैं तो नाचू छम छमा छम।।

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गा रही है सारी दुनिया,

गा रहे भक्त सारे,
ऐसे ही सदा मैया,
संग रहना हमारे,
तुमने दी है यह खुशियां,
तुमसे ही है उजियारे,
करना यूं ही कृपा माँ,
हम हैं बालक तुम्हारे,
आए हैं दिन यह सुहाने,
दर्शन के बिन दिल ना माने,
चरणों में दे दो जगह हम,
तेरे दरश के दीवाने,
तेरी धुन में मगन,
मेरा झूम रहा तन,
जैसे नाचे है मोर,
देख रिमझिम सावन,
जैसे घिर आए फिर बदरा,
घनन घनन घन,
छमाछम छमाछम छमाछम,
मैया तेरे नवराते है,
मैं तो नाचू छम छमा छम।।



मैया तेरे नवराते हैं,

मैं तो नाचू छम छमा छम,
छमाछम छमाछम छमाछम,
मैया तेरे जगराते हैं,
मैं तो गाऊं तेरे गुण,
छमाछम छमाछम छमाछम,
तेरी धुन में मगन,
मेरा झूम रहा तन,
जैसे नाचे है मोर,
देख रिमझिम सावन,
जैसे घिर आए फिर बदरा,
घनन घनन घन,
छमाछम छमाछम छमाछम,
मैया तेरे नवराते है,
मैं तो नाचू छम छमा छम।।

स्वर – श्री लखबीर सिंह लक्खा जी,
प्रेषक – शेखर चौधरी,
मो – 9074110618


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