- – यह गीत “माजीसा बेगा म्हारे आइजो” राजस्थान की भटियाणी संस्कृति और भक्ति भाव को दर्शाता है।
- – गीत में माजीसा (देवी या माता) से जल्दी आने और भक्तों को दर्शन देने की विनती की गई है।
- – जसोलगढ़ में माजीसा के विराजमान होने का उल्लेख है, जो स्थानीय धार्मिक महत्व को दर्शाता है।
- – लाल चुनरिया और रखड़ी जैसे पारंपरिक प्रतीकों का उपयोग भक्ति और सांस्कृतिक पहचान को उजागर करता है।
- – पिंकी गहलोत द्वारा स्वर और लिरिक्स की रचना की गई है, जो गीत की भावनात्मक गहराई को बढ़ाता है।
- – यह गीत भटियाणी समुदाय की धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

माजीसा बेगा म्हारे आइजो,
माजीसा बेगा म्हारे आइजो,
थारे भक्ता ने3,
दर्श दिखाइजो म्हारी भटियाणी माँ।।
तर्ज-बन्ना रे बागम झूला।
माजीसा जसोलगढ़ में बिराजो,
माजीसा जसोलगढ़ में बिराजो,
थारे जगमग3 …
जोता जागे म्हारी भटियाणी माँ,
माजीसा बेगा म्हारे अइजो,
थारे भक्ता ने,
दर्श दिखाइजो म्हारी भटियाणी माँ।।
माजीसा लाल चुनरिया सोवे,
माजीसा लाल चुनरिया सोवे,
थारे माथे 3….
रखड़ी सोवे म्हारी भटियाणी माँ,
माजीसा बेगा म्हारे अइजो,
थारे भक्ता ने,
दर्श दिखाइजो म्हारी भटियाणी माँ।।
माजीसा पिंकी महिमा गावे,
माजीसा पिंकी महिमा गावे,
सुण विनती 3….
बेगा आइजो म्हारी भटियाणी माँ,
माजीसा बेगा म्हारे अइजो,
थारे भक्ता ने,
दर्श दिखाइजो म्हारी भटियाणी माँ।।
माजीसा बेगा म्हारे अइजो,
माजीसा बेगा म्हारे अइजो,
थारे भक्ता ने3,.
दर्श दिखाइजो म्हारी भटियाणी माँ।।
स्वर & लिरिक्स – पिंकी गहलोत।
Cont. – 9772021065
