- – यह गीत “कस्मे वादे प्यार वफ़ा” की तर्ज पर लिखा गया है, जिसमें एक व्यक्ति अपने बाबा (पिता या गुरु) की याद में भावुक होता है।
- – गीत में बाबा के बिना जीवन की कठिनाइयों, दुखों और अकेलेपन का वर्णन है, जो मन में हलचल और आंसू लेकर आता है।
- – व्यक्ति बाबा की मदद और सहारे के लिए आभारी है, जिससे वह जीवन की कठिनाइयों से जूझ पाया।
- – गीत में बाबा के प्रति गहरा प्रेम, सम्मान और उनके यादों की महत्ता को दर्शाया गया है।
- – आंसू और भावनाओं के माध्यम से बाबा की यादों को व्यक्त किया गया है, जो हर बार मन में हलचल पैदा करती हैं।
मन में एक हलचल है होती,
याद तेरी जब आती है,
कितना भी रोकूं मैं बाबा,
आंख मेरी भर आती है,
मन में एक हलचल हैं होती,
याद तेरी जब आती है।।
तर्ज – कस्मे वादे प्यार वफ़ा।
भूला नहीं मैं अब तक बाबा,
गम की वो रातें काली,
तेरे बिना थी कैसे बिताई,
क्या होली क्या दिवाली,
बीते पलों को सोचके मेरी,
रूह बहुत थर्राती है,
मन में एक हलचल हैं होती,
याद तेरी जब आती है।।
मेरी तरफ रुख तूफा का था,
खुद को तुम पर छोड़ दिया,
मोरछड़ी क्या घूमी तेरी,
हर दुख ने दम तोड़ दिया,
गम की आँधिया भी अब बाबा,
ठंडी हवा बन जाती है,
मन में एक हलचल हैं होती,
याद तेरी जब आती है।।
जिंदा हूँ बस तेरी बदौलत,
वरना कब का मर जाता,
हाथ जो तेरा सही समय पर,
मेरे सिर पर ना आता,
मौत भी सोच में डूबी अब तो,
दूर खड़ी घबराती है,
मन में एक हलचल हैं होती,
याद तेरी जब आती है।।
जो दुख में बहते थे आंसू,
अब सुख में ना रूकते हैं,
ये आंसू तो हर बूंदों से,
शुकर तेरा बस करते हैं,
‘शानू’ कह ना पाता जो भी,
आंखें ये कह जाती है
मन में एक हलचल हैं होती,
याद तेरी जब आती है।।
मन में एक हलचल है होती,
याद तेरी जब आती है,
कितना भी रोकूं मैं बाबा,
आंख मेरी भर आती है,
मन में एक हलचल हैं होती,
याद तेरी जब आती है।।
Singer – Kumar Shanu
https://youtu.be/s9WhI3e6_ZQ
