- – यह भजन भगवान श्याम (कृष्ण) की आराधना और उनकी वापसी की प्रार्थना करता है।
- – भक्त अपने घायल और व्याकुल मन के साथ प्रभु के आने की तीव्र इच्छा व्यक्त करता है।
- – भजन में भक्त की पीड़ा और प्रभु से एक झलक पाने की लालसा स्पष्ट रूप से झलकती है।
- – भक्त अपने घर को भगवान के स्वागत के लिए सजाता है और उनसे दूर रहने का कारण समझना चाहता है।
- – भजन में मीरा और शवरी जैसे भक्तों का उदाहरण देकर सच्चे भक्ति भाव को दर्शाया गया है।
- – यह भजन शिवनारायण वर्मा द्वारा लिखा गया है और भक्तिभाव से ओतप्रोत है।
मंदिर को सजाया तेरे वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।
तेरे प्यारे भक्तो के ही वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
तर्ज – काहे को बुलाया मुझे बालमा।
मुरली बजा जा तू,
धुन वो सुना जा तू,
ऐ मेरे मोहना, हो..
घायल मनवा तड़पे मोरा,
व्याकुल है दोनो नैना,
तेरे बिन सूना मोरा अंगना,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
हमको सताए क्यो,
ये न बताए क्यो,
हमने तेरा क्या किया, हो..
एक झलक माँगी थी तुझसे,
फिर क्यो हमसे दूर हुआ,
हमको यूँ सताओ प्रभू और ना,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
रस्ता निहारुँ मै,
राह बुहारूँ मै,
तेरे लिए हे प्रभू, हो..
शवरी जैसे बैर नही और,
मीरा के जैसे घुँघृरू,
बनके राम मेरे भी घर पाओना,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
मंदिर को सजाया तेरे वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।
तेरे प्यारे भक्तो के ही वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923
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