- – यह गीत भगवान भोलेनाथ (शिव) की भक्ति और उनकी महिमा का वर्णन करता है, जिसमें ब्रह्मा, विष्णु और नंदी उनके साथ चलने का उल्लेख है।
- – गीत में भूत-प्रेत और बाघड़ बिल्ले भी भोले की बारात में शामिल होते हैं, जो उनकी शक्ति और प्रभाव को दर्शाता है।
- – डीजे पर नाचने और भोले के विवाह के लड्डू खाने की इच्छा व्यक्त की गई है, जो उत्सव और आनंद का प्रतीक है।
- – भजन गाने वाले दिनेश और सावी की मौजूदगी से जीवन सफल बनाने और भगवान की महिमा गाने की प्रेरणा मिलती है।
- – बार-बार “मनै भी जाणा सै भोले, मनै ले चल तेरी बरात मैं” बोलकर भक्त अपनी भक्ति और भगवान के साथ जुड़ने की इच्छा प्रकट करता है।

ब्रह्मा चाले विष्णु चाले,
चाले नंदी साथ मैं,
मनै भी जाणा सै भोले,
मनै ले चल तेरी बरात मैं।।
भूत प्रेत आर बागड़ बिल्ले,
सारे साथ मैं चाल पड़े,
देख देख कै इनके थोबड़े,
सबके कालजे हाल पड़े,
सारे जावै बाकी ना इब,
रह री मेरै गात मैं,
मंने भी जाणा सै भोले
मनै ले चल तेरी बरात मैं।।
डी जे ऊपर नाचण का मनै,
चाव कसूता चढ्या पड्या,
तेरै ब्याह के लाडू खाण नै,
मन मेरा भी अड्या खड्या,
तेरै हाथ में डमरू बाजै,
चिमटा मेरै हाथ मैं,
मंने भी जाणा सै भोले,
मनै ले चल तेरी बरात मैं।।
सावी लिखै भजन तेरे और,
साथ दिनेश भी गावै सै,
तेरी महिमा गा गा कै नै,
जीवन सफल बणावै सै,
सदा राखिए चरणां मैं इस,
भाण भाई के साथ नै,
मंने भी जाणा सै भोले,
मनै ले चल तेरी बरात मैं।।
ब्रह्मा चाले विष्णु चाले,
चाले नंदी साथ मैं,
मनै भी जाणा सै भोले,
मनै ले चल तेरी बरात मैं।।
Singer – Dinesh Goyal / Savita Garg
