- – यह गीत “मारा सांवरिया सिरमौर, मीरा के नंदकिशोर” भगवान कृष्ण और भक्त मीरा बाई की भक्ति को समर्पित है।
- – गीत में भगवान कृष्ण के चारों ओर फैले महिमाओं और उनकी दिव्यता का वर्णन किया गया है।
- – लख्मा नामक भक्त के सपने में भगवान कृष्ण के दर्शन और उनके चतुर्भुज रूप का उल्लेख है।
- – गीत में भक्तों की भक्ति, आनंद और भगवान के प्रति उनकी श्रद्धा का चित्रण है, जो गांव-गांव में गूंजती है।
- – कृष्ण की कृपा से चमत्कारिक घटनाओं और भक्तों के जीवन में बदलाव का उल्लेख किया गया है।
- – यह गीत राजस्थान के चित्तोड़गढ़ जिले की सांस्कृतिक और धार्मिक भावना को दर्शाता है।

मारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर,
चार खुंट मे थें हो ठावा,
महीमा चारों ओर,
मण्डफीया माही आप बिराज्या,
जिलो गढ़ चित्तोड़,
म्हारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर।।
लख्मा रा सपना में आया,
थे रुप चतुर्भुज दिखलाया,
जाग जाग मारा भोला भगत,
तू गहरी निन्दरा छोड़,
बागुंड का छापर मूं काडले,
अणी जमी ने फोड़,
म्हारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर।।
मिली तीन मुरतां छापर में,
चर्चा चाली है घर घर में,
एक बागुंड एक भादसोडा़ चली,
तीजी मण्डफीया ठोड़,
मुरतीयां निकली मुरतीयां निकली,
गावां गावां मे सोर,
म्हारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर।।
भोला भगतां आनन्द लीनों,
थैं परेंडी मे आसन लीनों,
दिन उगतां ही थारा पाट पे,
सोना को सिक्को ओर,
वोही सिक्को आज निकले,
बनकर लाख करोड़,
म्हारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर।।
लखमो जी गांया चरावे है,
गांया ने चोर ले जावे है,
दुध बिना कांई भोग लगाऊं,
गबरायो भगत दोड़,
डाणी बण ने आयो सांवरो,
मार भगाया चोर,
म्हारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर।।
कई देश विदेशी आवे है,
भजना मे गोकुल गावे है,
अण गिणती रा आवे नर नारि,
नाचे सगला जोर,
लिखे लेखनि नाई नारायण,
गुरु कृपा से जोड़,
म्हारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर।।
मारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर,
चार खुंट मे थें हो ठावा,
महीमा चारों ओर,
मण्डफीया माही आप बिराज्या,
जिलो गढ़ चित्तोड़,
म्हारा सांवरिया सिरमौर,
मीरा के नंदकिशोर।।
गायक – देव शर्मा आमा।
8290376657
