- – गीत में वृन्दावन धाम जाने और राधा रानी का नाम जपने की भावना व्यक्त की गई है।
- – वृन्दावन को प्रेम नगरी बताया गया है जहाँ बांके बिहारी से मिलन होता है।
- – राधा रानी के चरणों में विश्राम पाने और उनका नाम रटने की इच्छा प्रकट की गई है।
- – जीवन को राधा रानी के नाम समर्पित करने और उनके प्रति भक्ति की गहराई दर्शाई गई है।
- – राधे राधे का जाप और राधा रानी की भक्ति को जीवन का आधार बताया गया है।

मैं तो जाउंगी वृन्दावन धाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
राधे राधे रटूँगी राधे राधे,
राधे राधे जपूँगी राधे राधे।।
वृन्दावन से जुड़ गया नाता,
झूठा जग ना मन को भाता,
उनकी चोखट पे चारो धाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
मैं तो जाउंगी वृंदावन धाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
राधे राधे रटूँगी राधे राधे,
राधे राधे जपूँगी राधे राधे।।
वृन्दावन है प्रेम नगरीया,
वहां मिलेंगे बांके सँवरिया,
उनके चरणों में पाऊँ विश्राम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
मैं तो जाउंगी वृंदावन धाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
राधे राधे रटूँगी राधे राधे,
राधे राधे जपूँगी राधे राधे।।
वृन्दावन मेरे मन भाया,
मन मोहन मेरे मन में समाया,
मेने जीवन लिखा उनके नाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
मैं तो जाउंगी वृन्दावन धाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
राधे राधे रटूँगी राधे राधे,
राधे राधे जपूँगी राधे राधे।।
चित्र विचित्र पागल के प्यारे,
रोम रोम राधा नाम उचारे,
उनके दर पे हो जीवन की शाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
मैं तो जाउंगी वृन्दावन धाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
राधे राधे रटूँगी राधे राधे,
राधे राधे जपूँगी राधे राधे।।
मैं तो जाउंगी वृन्दावन धाम,
रटूँगी राधा रानी का नाम,
राधे राधे रटूँगी राधे राधे,
राधे राधे जपूँगी राधे राधे।।
