- – यह कविता बजरंग बली (हनुमान जी) की महिमा और भक्ति को दर्शाती है, जो श्री राम के परम भक्त हैं।
- – बजरंग बली को संकट हरने वाला, दुख दूर करने वाला और निर्भय बताया गया है।
- – चैत्र सुदी पूनम के दिन हनुमान जी की पूजा और सजावट का वर्णन है, खासकर सालासर और मेहंदीपुर में।
- – हनुमान जी को दया के सागर, बल और बुद्धि के दाता के रूप में पूजा जाता है, जो भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- – मंगलवार को हनुमान जी का जन्मदिन माना जाता है, और इस दिन उनकी पूजा और दर्शन करने का विशेष महत्व है।
- – कविता में हनुमान जी के लाल लंगोटे और तेल-सिंदूर से सजे रूप का भी उल्लेख है, जो उनकी पहचान है।

मेरा बजरंग सोटे वाला,
सारे जग से निराला,
श्री राम का है वो दीवाना,
कहे सारा जमाना,
संकट हरता,
दुखड़े हरता,
नहीं किसी से डरता,
मेरा बजरंग सोटे वाला,
सारे जग से निराला।।
तर्ज – म्हारा हिवड़ा में नाचे।
चैत्र सुदी पूनम का दिन,
ये हनुमान को लाया,
चैत्र सुदी पूनम का दिन,
ये हनुमान को लाया,
कहीं सालासर कहीं मेहंदीपुर,
में हनुमत खूब सजाया,
कहीं सालासर कहीं मेहंदीपुर,
में हनुमत खूब सजाया,
देख के इसका रूप अनोखा,
मन मेरा झूम के बोला।
मेरा बजरंग सोटे वाला,
सारे जग से निराला,
श्री राम का है वो दीवाना,
कहे सारा जमाना।।
तुम हो बाबा दया के सागर,
बल बुद्धि के दाता,
तुम हो बाबा दया के सागर,
बल बुद्धि के दाता,
जो भी तेरी शरण में आता,
मन इच्छा फल पाता,
जो भी तेरी शरण में आता,
मन इच्छा फल पाता,
तेल सिंदूर चढ़े तन ऊपर,
लाल लंगोटे वाला।
मेरा बजरंग सोटें वाला,
सारे जग से निराला,
श्री राम का है वो दीवाना,
कहे सारा जमाना।।
मंगल वार को जन्मे हनुमत,
सबका मंगल करते,
मंगल वार को जन्मे हनुमत,
सबका मंगल करते,
तेरे नाम की ज्योत जलाते,
तेरा दर्शन करते,
तेरे नाम की ज्योत जलाते,
तेरा दर्शन करते,
पवनपुत्र हे महावीर,
तू है अंजनी का लाला।
मेरा बजरंग सोटें वाला,
सारे जग से निराला,
श्री राम का है वो दीवाना,
कहे सारा जमाना।।
मेरा बजरंग सोटे वाला,
सारे जग से निराला,
श्री राम का है वो दीवाना,
कहे सारा जमाना,
संकट हरता,
दुखड़े हरता,
नहीं किसी से डरता,
मेरा बजरंग सोटे वाला,
सारे जग से निराला।।
