- – यह कविता प्रेम और दीवानगी की भावनाओं को दर्शाती है, जहां दिल पूरी तरह से किसी की मूरत पर अटका हुआ है।
- – कवि का दिल केवल उस खास व्यक्ति के लिए धड़कता है और उसे किसी और की परवाह नहीं है।
- – प्रेम की गहराई और पुराना नाता इस कविता में प्रमुख रूप से उभरता है।
- – कवि अपने प्रेम के लिए किसी भी परिस्थिति या आलोचना की चिंता नहीं करता।
- – दिल की बेचैनी और मिलने की तड़प को भी कविता में खूबसूरती से व्यक्त किया गया है।

मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,
मुझको तो किसी की खबर नही।।
तर्ज – दिल लूटने वाले जादूगर।
जब से देखा है मैने तुझे,
दिल तेरा दीवाना हो ही गया,
जब से देखा है मैने तुझे,
दिल तेरा दीवाना हो ही गया,
मेरे नैनो,
मेरे नैनो को अब तेरे सिवा,
कुछ और तो आता नज़र नही,
मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,
मुझको तो किसी की खबर नही।।
क्या क्या महिमा बतलाऊँ मैं,
कैसे दिल की बात बताऊँ मैं,
क्या क्या महिमा बतलाऊँ मैं,
कैसे दिल की बात बताऊँ मैं,
मेरा बहुत,
मेरा बहुत पुराना नाता है,
मुझपे तो किसी का असर नहीं,
मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,
मुझको तो किसी की खबर नही।।
जो होगा देखा जाएगा,
अब हम तो रहेंगे चरणों में,
जो होगा देखा जाएगा,
अब हम तो रहेंगे चरणों में,
अब भला,
अब भला बुरा माँ क्या सोचे,
हमको तो चिंता फिकर नही,
मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,
मुझको तो किसी की खबर नही।।
जब इतना कुछ हो जाता है,
दिल मेरा मचलने लगता है,
जब इतना कुछ हो जाता है,
दिल मेरा मचलने लगता है,
मिलने को,
मिलने को तड़पड़े मैय्या से,
रहती फिर माँ को सबर नही,
मेरा दिल अटका तेरी मूरत पे,
मुझको तो किसी की खबर नही।।
