- – यह भजन भगवान शिव (भोले बाबा) की भक्ति और उनसे सहायता की प्रार्थना है।
- – भक्ति करने वाला अपने जीवन में दुख और कठिनाइयों से घिरा हुआ है और शिव से मार्गदर्शन और भाग्य सुधारने की विनती करता है।
- – भजन में भक्त अपने संघर्षों, जैसे पैरों में छाले पड़ना, का उल्लेख करता है जो उसने शिव के मंदिर तक पहुँचने के लिए सहा है।
- – भक्त शिव के चरणों में जीवन बिताने और उनकी कृपा पाने की इच्छा व्यक्त करता है।
- – यह भजन समर्पण, विश्वास और भगवान शिव के प्रति पूर्ण भक्ति का प्रतीक है।

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
ओ शिव शंकर मेरे,
ओ भोले बाबा मेरे,
मैं तो जनम जनम भटका हूँ,
जगा दे अब भाग्य मेरे,
ओ शिव शंकर मेरे।।
तर्ज – मेरी विनती यही है राधा रानी।
छोड़ दुनिया के सारे झूठे नाते,
भोले मैं तेरे द्वार आ गया,
मैं तो दुनिया के दुखो से हूँ हारा,
मैं तो दुनिया के दुखो से हूँ हारा,
मिटा दे सब दुःख मेरे,
ओ शिव शंकर मेरे,
ओ भोले बाबा मेरे।।
मेरे पांवो में पड़े है देखो छाले,
तेरे दर आते आते,
तेरा मंदिर तो मेरा है द्वारा,
तेरा मंदिर तो मेरा है द्वारा,
लगाने आया मैं हूँ डेरे,
ओ शिव शंकर मेरे,
ओ भोले बाबा मेरे।।
तेरे चरणों में जीवन बीते,
यही है विनती मेरी,
मेरी विनती स्वीकार तू करना,
मेरी विनती स्वीकार तू करना,
हे शिव शंकर मेरे,
ओ शिव शंकर मेरे,
ओ भोले बाबा मेरे।।
मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
ओ शिव शंकर मेरे,
ओ भोले बाबा मेरे,
मैं तो जनम जनम भटका हूँ,
जगा दे अब भाग्य मेरे,
ओ शिव शंकर मेरे।।
स्वर – राकेश काला।
