- – यह गीत भगवान श्याम के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाता है, जो दिल में बसा हुआ है और धड़कन की तरह महसूस होता है।
- – श्याम और भक्त के रिश्ते को दीपक और बाती के समान बताया गया है, जो एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं।
- – भक्त श्याम से केवल उनका साया और साथ चाहता है, जो उसे प्रेम और सांत्वना प्रदान करता है।
- – गीत में श्याम की कृपा और रहमत का वर्णन है, जो भक्तों पर बरसती रहती है।
- – ‘सोनी’ नाम के उल्लेख से भक्त और श्याम के बीच व्यक्तिगत और आत्मीय संबंध प्रकट होता है।
- – संध्या तोमर द्वारा स्वरबद्ध यह गीत भक्ति और लगन की भावना को सुंदरता से प्रस्तुत करता है।

मेरा श्याम बसा मेरे दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है,
परछाईं जैसे संग चले,
मेरा श्याम सदा संग रहता है,
लागी मेरी लगन, लागी मेरी लगन,
बाबा से है लगन, लागी मेरी लगन,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
तर्ज – मेरा दिल भी कितना पागल।
मेरा श्याम से ऐसा रिश्ता है,
जैसे दीपक और बाती का,
मेरा श्याम कृपालु भक्तों पर,
रहमत की छटा बरसाता है,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
कुछ और ना मांगू श्याम प्रभु,
बस तेरा साया साथ रहे,
मैं तुझसे लिपटकर रोता हूँ,
जब जब तू प्रेम लूटाता है,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
मैं तुमसे मोहब्बत करता हूँ,
तुमसे ही मेरा जीवन है,
‘सोनी’ ने जब जब नाम लिया,
मेरा बाबा हाथ बढ़ाता है,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
मेरा श्याम बसा मेरे दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है,
परछाईं जैसे संग चले,
मेरा श्याम सदा संग रहता है,
लागी मेरी लगन, लागी मेरी लगन,
बाबा से है लगन, लागी मेरी लगन,
मेरा श्याम बसा मेरें दिल में,
धड़कन बनकर ये धड़कता है।।
स्वर – संध्या तोमर।
