- – यह कविता जीवन की कठिनाइयों और दुखों में भगवान के प्रति श्रद्धा और भरोसे को दर्शाती है।
- – जब दुनिया साथ नहीं देती और लोग दूर हो जाते हैं, तब भी भगवान ही सच्चे हमदर्द और सहारा होते हैं।
- – कवि ने बताया है कि संसार छलावा है और केवल भगवान पर ही पूर्ण विश्वास किया जा सकता है।
- – कठिन समय में भगवान ही जीवन के सारथी बनकर हर कदम पर मार्गदर्शन करते हैं।
- – यह कविता श्रद्धा, समर्पण और भगवान की महिमा का सुंदर चित्रण है।
- – गीत के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि दुखों में भी भगवान का सहारा हमेशा मिलता है।

दुनिया के आगे प्रभु,
चुपचाप मैं रहता हूँ,
मेरा तू ही तो हमदर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।bd।
तर्ज – जीता था जिसके लिए।
दुनिया की आदत,
करती बगावत,
जब दिन बुरे घिरते,
जब दिन बुरे घिरते,
नजर चुराते दूरी बढ़ाते,
सब यार मुंह फेरते,
सब यार मुंह फेरते,
ना समझे कोई भी,
किसी की परेशानियां,
मेरा तू हीं तो हम दर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।bd।
जग है छलावा,
तेरे अलावा,
किसी पे भरोसा नहीं,
किसी पे भरोसा नहीं,
मुझे दाना पानी,
सिवा तेरे दानी,
किसी ने परोसा नहीं,
किसी ने परोसा नहीं,
भला कैसे भूलूँ,
मैं तेरी मेहरबानियां,
मेरा तू हीं तो हम दर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।bd।
आया नजर ना,
कोई भी अपना,
जब मुझको दरकार थी,
जब मुझको दरकार थी,
तब मेरे पथ का,
जीवन के रथ का,
तू ही बना सारथी,
तू ही बना सारथी,
‘माधव’ ने की,
हर कदम पर निगेबानिया,
मेरा तू हीं तो हम दर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।bd।
दुनिया के आगे प्रभु,
चुपचाप मैं रहता हूँ,
मेरा तू ही तो हमदर्द है,
जिसे हर दर्द कहता हूँ,
दुनिया के आगे प्रभु।bd।
Singer – Uma Lahari Ji
