- – यह कविता बाबा (ईश्वर) के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति की अभिव्यक्ति है।
- – जीवन की कठिनाइयों और भटकाव से बचने के लिए बाबा के चरणों में शरण लेने की इच्छा व्यक्त की गई है।
- – भजन और सत्संग को जीवन में सच्ची खुशी और शांति का स्रोत बताया गया है।
- – प्रभु के रंग में रंग जाने और उनके प्रेम में डूब जाने की कामना की गई है।
- – झूठे बंधनों से मुक्त होकर केवल बाबा के प्रेम और पूजा को सर्वोपरि मानने का संदेश है।
- – अंत में, बाबा के चरणों में स्थायी निवास की प्रार्थना की गई है ताकि जीवन में स्थिरता और शांति बनी रहे।

मेरे दिल में बाबा,
बस तेरा बसेरा हो,
भटकू, भटकू नहीं इस जग में,
चरणों में ही डेरा हो,
मेरे दिल में बाबा।।
मानव का ये जीवन,
मुश्किल से मिलता है,
सत संग भजन का सुमन,
मुश्किल से खिलता है,
भजन की बगिया ही,
मेरा रेन बसेरा हो,
भटकू, भटकू नहीं इस जग में,
चरणों में ही डेरा हो,
मेरे दिल मे बाबा।।
रंगो में रंग तेरा,
प्रभु सबसे प्यारा है,
जो रंग गया इस रंग में,
उसके पोबारा है,
रंगरेज मुझे रंग दे,
जो प्रिय रंग तेरा हो,
भटकू, भटकू नहीं इस जग में,
चरणों में ही डेरा हो,
मेरे दिल मे बाबा।।
तेरी पूजा समझ जग से,
मैंने प्रेम किया भगवन,
‘नंदू’ जब आँख खुली,
झूठे थे वो बंधन,
मुझे बांध लो तुम ऐसे,
यहीं साँझ साँवेरा हो,
भटकू, भटकू नहीं इस जग में,
चरणों में ही डेरा हो,
मेरे दिल मे बाबा।।
मेरे दिल में बाबा,
बस तेरे बसेरा हो,
भटकू, भटकू नहीं इस जग में,
चरणों में ही डेरा हो,
मेरे दिल में बाबा।।
Singer : Sanjay Mittal
