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- – यह गीत एक भक्त की अपने दिलदार बाबा (भगवान) से प्रार्थना और सहायता की अपील है।
- – गीत में भक्त अपनी कठिनाइयों और दुखों का वर्णन करते हुए बाबा से सहारा मांगता है।
- – बाबा के नाम का जप और भक्ति में विश्वास जताते हुए, भक्त अपने मन की मझधार से पार पाने की इच्छा व्यक्त करता है।
- – गीत में भगवान के प्रति गहरी श्रद्धा और समर्पण की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
- – भक्त का मानना है कि बाबा के बिना जीवन में कोई सहारा नहीं है, और वे बाबा के नाम से ही जीवन को पार लगाना चाहते हैं।

मेरे दिलदार बाबा सुन,
पड़ी मझधार में नैया,
उठा पतवार आके,
उठा पतवार आके।।
तर्ज – मेरे टूटे हुए दिल से।
मैं हूँ बाबा बहुत दुखारी,
आया हूँ मैं शरण तुम्हारी,
दरश करादे श्याम मुरारी,
तुम्हारा नाम सुनकर के,
तुम्हारे पास आया हूँ,
सहारा दे दो आकर के।।
हे मेरे मालिक देना सहारा,
छोड़ ना देना दामन तुम्हारा,
नाम तुम्हारा प्राणों से प्यारा,
लगन तेरी लगी दिल में,
तुम्हारा नाम जपता हूँ,
लगा दो पार आकर के।।
कबसे पुकारूँ सुनता नहीं है,
तेरे सिवाय मेरा कोई नहीं है,
‘बनवारी’ तुझ बिन कुछ भी नहीं है,
नहीं कोई सहारा है,
मगन रहता हूँ फिर भी मैं,
तुम्हारे गीत गाकर के।।
मेरे दिलदार बाबा सुन,
पड़ी मझधार में नैया,
उठा पतवार आके,
उठा पतवार आके।।
Singer : Sanjay Mittal
Sent By : Anant Goenka
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
