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मेरे इस टूटे दिल को आधार चाहिए वो काली कमली वाला मेरा यार चाहिए – Mere Is Toote Dil Ko Aadhar Chahiye Wo Kaali Kamli Wala Mera Yaar Chahiye – Hinduism FAQ

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  • – यह कविता एक टूटे और पागल दिल की व्यथा को व्यक्त करती है, जो अपने यार यानी भगवान कृष्ण के प्रेम और सहारे की चाह रखता है।
  • – कवि ने कृष्ण की विशेषताओं जैसे काली कमली, बंसी, और नैनों के माध्यम से उनकी मधुर छवि प्रस्तुत की है।
  • – कविता में कृष्ण के प्रति भक्तिभाव और उनकी महफिल की सुंदरता का वर्णन है, जो दिल को मदहोश कर देती है।
  • – कवि अपने दिल की पीड़ा और प्रेम की तीव्रता को दर्शाते हुए कृष्ण से अपना आधार और सहारा मांगता है।
  • – यह रचना कृष्ण भक्तों की भक्ति और उनकी आध्यात्मिक अनुभूति को सुंदरता से अभिव्यक्त करती है।

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मेरे इस टूटे दिल को आधार चाहिए,
मेरे इस पगले दिल को आधार चाहिए,
वो काली कमली वाला मेरा यार चाहिए।।

तर्ज – दिल दीवाने का डोला।



समझाना बड़ा मुश्किल है,

आखिर तो दरदे दिल है,
सच्चा दरबार लगा है,
ये कान्हा की महफ़िल है,
नैनो को बंसी वाले का हो ओ,
नैनो को बंसी वाले का,

नैनो को बंसी वाले का आधार चाहिए,
वो काली कमली वाला मेरा यार चाहिए।।



कुछ कमी ना अरमानो की,

तेरे इन दीवानो की,
मुझको मदहोश बनाये,
ये कटार तेरे नैनो की,
दिल नाच उठे वो हो ओ,
दिल नाच उठे वो,
दिल नाच उठे वो सांवरिया सरकार चाहिए,
वो काली कमली वाला मेरा यार चाहिए।।



जितना खिचाव चितवन में,

होता जो मेरे मन में,
फिर तो ये दिल दीवाना,
उड़ जाता निल गगन में,
हाथो में मेरे हो ओ,
हाथो में मेरे, 

हाथो में मेरे यार की पतवार चाहिए,
वो काली कमली वाला मेरा यार चाहिए।।

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भक्तो के तुम प्यारे हो,

तुम जिगरी दिल वाले हो,
कितनो पर डोरे डाले,
तेरे ये मस्त नज़ारे,
यशोदा नंदन के हो ओ,
यशोदा नंदन के,

यशोदा नंदन के नैनो का दीदार चाहिए,
वो काली कमली वाला मेरा यार चाहिए।।



मेरे इस पगले दिल को आधार चाहिए,

मेरे इस टूटे दिल को आधार चाहिए,
वो काली कमली वाला मेरा यार चाहिए।।


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