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मेरे कृष्णा तुम कहाँ हो भजन लिरिक्स – Mere Krishna Tum Kahan Ho Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – यह भजन भगवान कृष्ण की आराधना और उनके प्रति प्रेम को व्यक्त करता है।
  • – भजन में भक्त अपने कृष्ण से मिलने की तीव्र इच्छा और उनकी उपस्थिति की प्रतीक्षा करता है।
  • – भक्त अपने आप को कृष्ण का छोटा दास मानता है और उनसे सहायता और मार्गदर्शन की प्रार्थना करता है।
  • – भजन में कृष्ण के बिना जीवन की व्यथा और अकेलापन स्पष्ट रूप से झलकता है।
  • – बार-बार “चला नाही जाए” का दोहराव भक्ति की गहराई और कृष्ण से जुड़ने की तीव्र इच्छा को दर्शाता है।
  • – लेखक श्री शिवनारायण वर्मा हैं, जिन्होंने इस भजन के माध्यम से कृष्ण भक्ति को व्यक्त किया है।

मेरे कृष्णा,
मेरे कृष्णा तुम कहाँ हो,
मेरे कृष्णा,
चला नाही जाए,
चला नाही जाऐ,
कब आओगे चला नाही जाए।।

तर्ज – मेरे मितवा तुम कहाँ हो।



दर तेरे आते आते,

नही रुक जाए ये साँसे,
तू आजा कृष्ण मेरे,
करो कुछ तो सहाय,
करो कुछ तो सहाय,
आ जाओ ना,
चला नाही जाए,
चला नाही जाए।।



तुम्हे कैसे मै पाऊँ,

प्रभू मै समझ न पाऊँ,
तुम्हे कैसे मनाऊँ,
तुम्हे क्या भेट चढ़ाए,
बतलाओ न,
चला नाही जाए,
चला नाही जाए।।



छोटा हूँ दास तुम्हारा,

जहाँ मे बेसहारा,
सिवा तेरे हमारा,
नजर कोई न आए,
नजर कोई न आए,
आजाओ न,
चला नाही जाए,
चला नाही जाए।।



मेरे कृष्णा,

मेरे कृष्णा तुम कहाँ हो,
मेरे कृष्णा,
चला नाही जाए,
चला नाही जाऐ,
कब आओगे चला नाही जाए।।

– भजन लेखक एवं प्रेषक –
श्री शिवनारायण वर्मा,
मोबा.न.8818932923

वीडियो उपलब्ध नहीं।


 

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