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- – यह गीत भगवान गोपाल गिरधारी के प्रति भक्ति और प्रेम को व्यक्त करता है।
- – गीत में भक्त अपनी आँखों में भगवान के वास की कामना करता है।
- – भक्त भगवान के दर्शन की तीव्र इच्छा और उनके प्रेम में डूबने की तमन्ना प्रकट करता है।
- – गीत में भगवान से अपने दिल की हर बात सुनने और कृपा करने की प्रार्थना की गई है।
- – गायिका कंचन तिवारी ने इस भक्ति गीत को प्रस्तुत किया है।

मेरे नैनो में बस जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
झलक अपनी दिखा जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
तर्ज – जगत के रंग क्या देखूं।
तमन्ना एक है मेरी,
तुम्हारा दर्श पाने की,
चमन मन का खिला जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
तेरे दीदार की हसरत,
तेरे दरबार ले आई,
दरश नैनो को दे जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
सुना है प्रेमियों के दिल की तुम,
हर बात सुनते हो,
करम ‘शर्मा’ पे कर जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
मेरे नैनो में बस जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
झलक अपनी दिखा जाओ,
मेरे गोपाल गिरधारी,
मेरे नैनो में बस जाओं,
मेरे गोपाल गिरधारी।।
गायिका – कंचन तिवारी।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
