- – यह गीत भगवान राम के प्रति गहरी भक्ति और विश्वास को दर्शाता है, जिसमें राम से सहारा और सुरक्षा की प्रार्थना की गई है।
- – गीत में दुनिया की परेशानियों और बाधाओं के बीच राम के नाम और प्रेम को जीवन का आधार बताया गया है।
- – बचपन से राम के प्रति प्रेम और लगाव की बात कही गई है, जो जीवन की कठिनाइयों में सहारा बनता है।
- – राम को जीवन का किनारा और कश्ती बताया गया है, जो मनुष्य को सही रास्ता दिखाता है और उसकी रक्षा करता है।
- – बार-बार “कहीं छूट जाये न दामन तुम्हारा” का दोहराव राम के साथ स्थिर और अटूट संबंध की कामना को प्रकट करता है।

मेरे राम मुझको देना सहारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
दामन तुम्हारा, दामन तुम्हारा,
दामन तुम्हारा दामन,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
इशारो से मुझको बुलाती ये दुनिया,
तेरे रास्ते से हटाती ये दुनिया,
तेरा नाम मुझको है प्राणो से प्यारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
आओ कही हो ना जाये देरी,
भाग्य बना है अपनी प्रीत में बैरि,
आके दिखा दो राम प्रीत का नजारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
बचपन से प्रीत राम तुमसे ही जोड़ी,
कही टूट जाये ना प्रीत की डोरी,
जल्दी से आओ राम तेरा सहारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
तेरे सिवा दिल में समाये न कोई,
लगन का ये दीपक बुझाए कोई,
तू ही मेरी कश्ती राम तूही किनारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
मेरे राम मुझको देना सहारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
दामन तुम्हारा, दामन तुम्हारा,
दामन तुम्हारा दामन,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा।।
