- – गीत में खाटू वाले श्याम बाबा के प्रति गहरी भक्ति और आस्था व्यक्त की गई है।
- – भक्त अपने जीवन में श्याम बाबा के साथ होने का अनुभव करता है, जिससे उसका भाग्य और जीवन बदल गया है।
- – श्याम बाबा ने भक्त को सब कुछ दिया है और उसकी जिंदगी में अकेलापन समाप्त कर दिया है।
- – श्याम बाबा का परिवार और मेला भक्त के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक रूप से समृद्ध है।
- – गीत में श्याम बाबा के नाम का जाप और उनके साथ चलने की भावना को बार-बार दोहराया गया है, जो भक्ति की गहराई दर्शाता है।

मेरे संग संग चलता मेरा,
खाटू वाला श्याम,
लिया जब से मैंने मैंने,
ओ बाबा तेरा नाम,
मेरें संग संग चलता मेरा,
खाटू वाला श्याम।।
तर्ज – मेरे संग संग आया तेरी यादों।
तेरी गली से जब मैं निकला,
तब से ही मेरा भाग्य है बदला,
मैं तो अकेला था मेरे बाबा,
अब ना रहा अकेला,
मेरें संग संग चलता मेरा,
खाटू वाला श्याम।।
कैसे बताऊँ क्या ना किया है,
सब कुछ तुमने मुझको दिया है,
और नही इस जग में दूजा,
सांवरिया अलबेला,
मेरें संग संग चलता मेरा,
खाटू वाला श्याम।।
तेरी बदौलत क्या ना मिला है,
श्याम का ये परिवार मिला है,
‘श्याम’ कहे जो ख़तम ना होगा,
ये ऐसा है मेला,
मेरें संग संग चलता मेरा,
खाटू वाला श्याम।।
मेरे संग संग चलता मेरा,
खाटू वाला श्याम,
लिया जब से मैंने मैंने,
ओ बाबा तेरा नाम,
मेरें संग संग चलता मेरा,
खाटू वाला श्याम।।
स्वर – रवि बेरीवाल जी।
