- – यह कविता “मेरे श्याम सांवरे” भगवान कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति और प्रेम को दर्शाती है।
- – कवि अपने जीवन की नैया का सहारा और किनारा भगवान कृष्ण को मानता है।
- – हर दिशा में कृष्ण का ही नजारा और सहारा दिखाई देता है, जो कवि की आँखों और खयालातों में बसा है।
- – कृष्ण को जीवन की मंजिल और सबसे बड़ा सहारा बताया गया है, जिनके बिना जीवन अधूरा है।
- – कविता में कृष्ण की भक्ति को एक ज्योति और जीवन की कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
- – गीत की प्रस्तुति ज्योति चौहान द्वारा की गई है, जो भावपूर्ण गायन के माध्यम से भक्ति की भावना को जीवंत करती है।
मेरे श्याम सांवरे,
तेरा ही सहारा है,
मेरी नैया का तू ही किनारा है,
मेरे श्याम साँवरे,
तेरा ही सहारा है।।
तर्ज – अल्लाह ये अदा।
मैं इधर देखूं या उधर देखूं,
तू नजर आए मैं जिधर देखूं,
मेरी अँखियों में, हो,,,
मेरी अँखियों में,
तेरा नजारा है,
मेरे श्याम साँवरे,
तेरा ही सहारा है।।
मेरी बातों में तन्हा रातों में,
श्याम तू ही बसा खयालातों में,
जैसे कोई फलक में सितारा हो,
मेरे श्याम साँवरे,
तेरा ही सहारा है।।
आँखों से छलके अरमा दिल के,
हम है रही तेरी मंजिल के,
तू नहीं है तो, हो,,,
तू नहीं है तो,
सजदा गवारा है,
मेरे श्याम साँवरे,
तेरा ही सहारा है।।
कुछ कर जाए आहे भर जाए,
कृष्ण चौखट पे तेरी मर जाए,
‘ज्योति’ इतना सा, हो,,,
‘ज्योति’ इतना सा,
किस्सा हमारा है,
मेरे श्याम साँवरे,
तेरा ही सहारा है।।
मेरे श्याम सांवरे,
तेरा ही सहारा है,
मेरी नैया का तू ही किनारा है,
मेरे श्याम साँवरे,
तेरा ही सहारा है।।
Singer : Jyoti Chouhan