- – गीत में श्याम (कृष्ण) की सुंदरता और आकर्षण का वर्णन किया गया है, जो सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है।
- – श्याम की जुल्फों, नैनों, चाल और सुरों की तुलना प्राकृतिक और मनमोहक तत्वों से की गई है।
- – गीत में श्याम की हर एक अदाओं को छलिये (चालाक) कहकर उनकी मोहकता और प्रभाव को दर्शाया गया है।
- – श्याम की उपस्थिति से गुजरिया (नर्तकी) नाच उठती है और वातावरण में उत्साह फैल जाता है।
- – गीत में प्रेम और आकर्षण की भावनाओं को सरल और मधुर भाषा में व्यक्त किया गया है।

मेरे श्याम संवरना छोड़ो,
मेरे श्याम संवरना छोड़ो,
नजरिया लग जाएगी,
नजरिया लग जाएगी,
ओ छलिये।।
तर्ज – उड़े जब जब जुल्फे तेरी।
लटके यूँ लट घुंघराली,
लटके यूँ लट घुंघराली,
बिजुरिया गिर जाएगी,
बिजुरिया गिर जाएगी,
ओ छलिये।।
नैनो के खंजर मारे,
नैनो के खंजर मारे,
गुजरिया मर जाएगी,
गुजरिया मर जाएगी,
ओ छलिये।।
क्यों तान सुरीली छेड़े,
क्यों तान सुरीली छेड़े,
बाँसुरिया छल जाएगी,
बाँसुरिया छल जाएगी,
ओ छलिये।।
तेरी चाल बड़ी है नवाबी,
तेरी चाल बड़ी है नवाबी,
गगरिया हिल जाएगी,
गगरिया हिल जाएगी,
ओ छलिये।।
तुझे देख गुजरिया नाचे,
तुझे देख गुजरिया नाचे,
चुनरिया उड़ जाएगी,
चुनरिया उड़ जाएगी,
ओ छलिये।।
तोहे ‘हर्ष’ निरखते यूँ ही,
तोहे ‘हर्ष’ निरखते यूँ ही,
उमरिया ढल जाएगी,
उमरिया ढल जाएगी,
ओ छलिये।।
मेरे श्याम संवरना छोड़ो,
मेरे श्याम सवरना छोड़ो,
नजरिया लग जाएगी,
नजरिया लग जाएगी,
ओ छलिये।।
