- – कविता में श्याम (भगवान कृष्ण) के आगमन का वर्णन है, जो दुख और आंसूओं के बीच सांत्वना लेकर आते हैं।
- – श्याम के आने से कवि को दिल से सुकून और प्रेम की अनुभूति होती है, जो उसे जीवन की परेशानियों से उबारता है।
- – कवि ने अपनी दुनियादारी छोड़कर पूरी तरह श्याम के भरोसे और आशीर्वाद में जीवन बिताने का निर्णय लिया है।
- – श्याम की दया और रहमत से कवि के जीवन में चिंता और दुख कम हो गए हैं, और वह अब सुखी और संतुष्ट है।
- – कविता में श्याम के प्रेम और करुणा को जीवन का सबसे बड़ा खजाना बताया गया है, जो कवि की कुटिया में शांति और आनंद लाता है।

मेरी कुटिया में श्याम आया,
हो,,मेरी कुटिया मे श्याम आया,
देखें इतने आंसू बहते,
दुख पाऊं क्यों इसके रहते,
सिर पर हाथ फिराया,
मेरी कुटिया में श्याम आया।।
तर्ज – मेरा परदेसी ना आया।
आंसू बहाए जग के आगे,
सबने ही धुतकारा,
हार गया तो श्याम सजन को,
दिल से मैंने पुकारा,
देख ना पाया रोते हुए को,
आकर गले लगाया,
मेरी कुटिया में श्याम आया।।
अब तो जीवन श्याम हवाले,
छोड़ दी दुनियादारी,
दामन छोटा पड़ गया मेरा,
इतना दिया दातारी,
चिंता मत कर मेरे रहते,
श्याम ने है समझाया,
मेरी कुटिया में श्याम आया।।
रहमत इनकी जब से हुई है,
रहती नहीं फिकर है,
अब तो मेरे सुख या दुख पर,
बाबा रखता नजर है,
‘चोखानी’ भी इनकी दया का,
माल खजाना पाया,
मेरी कुटिया में श्याम आया।।
मेरी कुटिया में श्याम आया,
हो,,मेरी कुटिया मे श्याम आया,
देखें इतने आंसू बहते,
दुख पाऊं क्यों इसके रहते,
सिर पर हाथ फिराया,
मेरी कुटिया में श्याम आया।।
Singer : Amit Nama
