- – यह भजन साईं बाबा से निरंतर कृपा और दया की विनती करता है।
- – भक्ति में साईं बाबा को सद्गुरु और योगीराज के रूप में पूजित किया गया है।
- – भजन में कलयुग की कठिनाइयों का उल्लेख करते हुए साईं बाबा की शरण लेने की अपील की गई है।
- – साईं बाबा को फकीरी और दया का स्रोत बताया गया है जो भक्तों के दुख दूर करते हैं।
- – भजन में साईं बाबा के प्रति पूर्ण समर्पण और उनके द्वार पर आश्रय लेने की भावना व्यक्त की गई है।

मेरी विनती यही है साईं देवा,
कृपा बरसाए रखना,
कृपा बरसाए रखना, हे साईं देवा,
कृपा बरसाए रखना, हे सद्गुरु देवा,
दया बरसाए रखना,
कलयुग घनघोर है छाया,
शरण तू लगाए रखना,
कृपा बरसाए रखना।।
तर्ज – मेरी विनती यही है राधा रानी।
छोड़ दुनिया के सारे झूठे नाते,
साईं मैं तेरे द्वार आ गया,
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,
मेरा कोई ना सहारा बिन तेरे,
दया तू बनाए रखना,
कृपा बरसाए रखना।।
तुम लेके रूप फकीरी,
शिर्डी में आए साईं,
नीम तले तूने डाला है डेरा,
दुखड़े तू मिटाए रखना,
दया तू बनाए रखना,
कृपा बरसाए रखना।।
हे योगीराज राजाधिराजा,
तुम सच्चीदानंदा हो,
भक्तो के सिरों पे साईं देवा,
तू हाथ लगाए रखना,
दया तू बनाए रखना,
कृपा बरसाए रखना।।
मेरी विनती यही है साईं देवा,
कृपा बरसाए रखना,
कृपा बरसाए रखना, हे साईं देवा,
कृपा बरसाए रखना, हे सद्गुरु देवा,
दया बरसाए रखना,
कलयुग घनघोर है छाया,
शरण तू लगाए रखना,
कृपा बरसाए रखना।।
स्वर – राकेश काला।
