- – कविता में आत्मा की उदासी और जीवन की खालीपन को दर्शाया गया है, जो दया और प्रेम से पहले था।
- – प्रेम और दया ने जीवन को नई दिशा और मूल्य प्रदान किया है, जैसे खाली सीप में मोती भरना।
- – कवि ने अपने जीवन में प्रेम की महत्ता को स्वीकार किया है, जिसने उसे आश्रय और सुरक्षा दी।
- – दया और प्रेम के बिना जीवन अधूरा और व्यर्थ प्रतीत होता है, जैसे बुझा हुआ दिया।
- – कविता में प्रेम को जीवन का आधार और संगीत का स्रोत बताया गया है, जो जीवन को सार्थक बनाता है।

मेरी ज़िंदगी में क्या था,
तेरी दया से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
तर्ज – मुझे इश्क़ है तुझी से
मेरी ज़िंदगी थी खाली,
जैसे सीप खाली होती,
मेरी बढ़ गयी है कीमत,
तूने भर दिए है मोती,
मेरी कुछ नही थी कीमत,
तेरी दया से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
दर दर भटक रहा था,
आपने गले लगाया,
मुझे मिल गया ठिकाना,
तेरी शरण जो आया,
मुझे कौन पूछता था,
तेरी बंदगी से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
मुझे दर ना तेरा मिलता,
किसके मैं गीत गाता,
जीवन था व्यर्थ मेरा,
ऐसे ही बीत जाता,
ना ये सुर ना ये गला था,
तेरी कृपा से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
मेरी ज़िंदगी में क्या था,
तेरी दया से पहले,
मैं बुझा हुआ दिया था,
तेरी दया से पहले,
मेरी ज़िंदगी में क्या था।।
