- – यह गीत सालासर बालाजी के प्रति भक्तिपूर्ण प्रेम और आस्था व्यक्त करता है।
- – भक्त बालाजी के दर्शन और उनके प्यार की प्रार्थना करता है, जो उसके जीवन का आधार है।
- – भक्त मंदिर में सेवा करने, झाड़ू लगाने और पानी भरने का संकल्प लेता है।
- – बालाजी को संकट मोचन बताया गया है, जो सभी परेशानियों से उद्धार करते हैं।
- – भक्त बालाजी को अपना एकमात्र सहारा मानता है और उनसे निरंतर प्रेम की कामना करता है।
- – यह गीत भक्त की विनम्रता और बालाजी के प्रति अटूट भक्ति को दर्शाता है।

म्हारा बालाजी सालासर वाला,
सालासर लाग्यो दरबार,
बाला थारो प्यार चाहिए।।
तर्ज – सुनो हसीना काजल वाली
बाबा में चाहु दर्शन थारा,
थारे बिना अब ना होता गुजारा,
कबसे पड्यो थारे द्वार,
बाला थारो प्यार चाहिए,
म्हारा बालाजी सालासर वाला,
सालासर लाग्यो दरबार,
बाला थारो प्यार चाहिए।।
मंदिर में थारी सेवा करूँगा,
झाड़ू करूँगा तेरा पानी भरूँगा,
चाहे बीते जनम हजार,
म्हणे थारो प्यार चाहिए,
म्हारा बाला जी सालासर वाला,
सालासर लाग्यो दरबार,
बाला थारो प्यार चाहिए।।
संकट मोचन नाम है थारो,
संकट से म्हने थे ही उबारो,
म्हारा संकट देवो टार,
बाला थारो प्यार चाहिए,
म्हारा बाला जी सालासर वाला,
सालासर लाग्यो दरबार,
बाला थारो प्यार चाहिए।।
थने छोड़के बाबा और कहाँ जाऊँ,
और केहि दुखड़ो सुनाऊ,
थे ही करोगे बेडा पार,
बाला थारो प्यार चाहिए,
म्हारा बाला जी सालासर वाला,
सालासर लाग्यो दरबार,
बाला थारो प्यार चाहिए।।
दास चिरंजी चरणा रो चाकर,
भोग लगावा थने आसन बिठाकर,
विनती करा बारम्बार,
बाला थारो प्यार चाहिए,
म्हारा बाला जी सालासर वाला,
सालासर लाग्यो दरबार,
बाला थारो प्यार चाहिए।।
म्हारा बालाजी सालासर वाला,
सालासर लाग्यो दरबार,
बाला थारो प्यार चाहिए।।
