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म्हारा रामापीर जी गेंद खेलण ने जावे भजन लिरिक्स – Mhara Ramapir Ji Gend Khelan Ne Jave Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

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  • – यह गीत रामापीर जी की महिमा और उनकी शक्ति का वर्णन करता है, जो खेल में अपनी कला दिखाते हैं और संकटों का सामना करते हैं।
  • – गीत में भैरूड़ो नामक दुष्ट का उल्लेख है, जिसे रामापीर जी और उनके भक्तों द्वारा हराया जाता है।
  • – गुरु और बाबा बालकनाथ की उपस्थिति से भक्तों को सुरक्षा और आश्रय मिलता है।
  • – रामसा और बाबा लखन चौधरी जैसे पात्र रामापीर जी की महिमा का गुणगान करते हैं और भैरूड़ो के अंत का आह्वान करते हैं।
  • – गीत में रामापीर जी की कृपा से भूमि का भार मिटाने और संकटों का निवारण करने की बात कही गई है।
  • – यह लोकगीत राजस्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक परंपराओं को दर्शाता है, जिसमें रामापीर जी की भक्ति और उनकी रक्षा की भावना प्रमुख है।

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म्हारा रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे,
धणी देवे दड़ी रे डोटो,
खेल रचावे,
धणी देवे दड़ी रे डोटो,
खेल रचावे।।



आ गेंद गुरु श्री,

बालकनाथ डर जावे,
बाबा लारे जावे,
बाबा बालकनाथ जी देख,
धणी ने घबरावे,
म्हारां रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे।।



बेटा जहां सू पाछो जाय,

भैरूड़ो आवे,
मिनख ने खावे,
थू मानले म्हारी बात,
प्राण क्यूँ गमावे,
म्हारां रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे।।



गुरु आगे अंधेरी रात,

हमे कठे जाऊँ,
अठे छिप जाऊँ,
गुरु दया देखकर,
धणियो ने गुदड़ी ओढावे,
म्हारां रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे।।



अब आयो भैरूड़ो,

हँस हँस दाँत दिखावे,
गुरु ने धमकावे,
मने आवे मानखे री बास,
थूं क्यूँ न बतावे,
म्हारां रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे।।

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इतने में रामसा,

गुदड़ी ने हिलावे,
भैरूड़ो हरषावे,
भेरू खेंच खेंच कर गुदड़ी,
थक जावे,
म्हारां रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे।।



अब डर कर भेरू,

आज वटा सू भाग जावे,
बाबो लारे जावे,
धणी दे भाला री,
भैरू रो अंत करावे,
म्हारां रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे।।



बाबा लखन चौधरी,

थारी शरण में आवे,
थारा ही गुण गावे,
धणी मार भैरू ने,
भूमि रो भार मिटावे,
म्हारां रामापीर जी गेंद,
खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे।।



म्हारा रामापीर जी गेंद,

खेलण ने जावे,
कळा ये दिखावे,
धणी देवे दड़ी रे डोटो,
खेल रचावे,
धणी देवे दड़ी रे डोटो,
खेल रचावे।।

गायक – विजयसिंह राजपुरोहित।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052


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