- – यह गीत भगवान श्री कृष्ण की महिमा और उनके प्रेम को समर्पित है, जिन्हें नन्द के गोपाल, माता यशोदा के लाल और सवरियो सरकार के रूप में पूजा जाता है।
- – गीत में वृंदावन, गोकुल और मथुरा जैसे पवित्र स्थानों का उल्लेख है, जहां भगवान कृष्ण ने रास लीला रची और बंसी बजाई।
- – भक्तों की मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कृष्ण के नाम का जप और पूजा करने की बात कही गई है।
- – गीत में कृष्ण की बंसी की मधुर धुन और उनके कीर्तन में झूमने का वर्णन है, जो भक्तों को आनंदित करता है।
- – दासों की अरदास है कि वे कृष्ण के दर्शन प्राप्त कर सकें और उनका आशीर्वाद प्राप्त कर जीवन की कठिनाइयों से पार पा सकें।
- – यह भक्ति गीत कृष्ण की दिव्यता, प्रेम और उनके प्रति श्रद्धा को उजागर करता है, जो सभी नर-नारियों में उत्साह और भक्ति भाव जगाता है।

मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम,
नन्द को गोपाल,
माता यशोदा को लाल,
प्यारो सवरियो सरकार,
वृंदावन में आज,
मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम,
मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम।।
घर घर होवे पूजा थारी,
गांव गांव जस गावे जी,
जो कोई लेवे नाम श्याम को,
मन इच्छा फल पावे जी,
हे नन्द का लाल थारी,
पेड़ी पे ढोक लगावा,
थारी जोत जगावा।
नन्द को गोपाल,
माता यशोदा को लाल,
प्यारो सवरियो सरकार,
वृंदावन में आज,
मीठी बंसी बजावे महारों श्याम,
मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम।।
गोकुल मथुरा वृंदावन में,
रास रचे गोपाल जी,
नटवर नागर गिरधर नागर,
मीरा को घनश्याम जी,
हे सांवरा श्याम थारा,
कीर्तन में झूम झूम गावा,
जय जयकार लगावा।
नन्द को गोपाल,
माता यशोदा को लाल,
प्यारो सवरियो सरकार,
वृंदावन में आज,
मीठी बंसी बजावे महारों श्याम,
मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम।।
दास करे अरदास साँवरीया,
कर दो बेडा पार जी,
दे दो दरशन बाबा मुझको,
आया थारे द्वार जी,
हे नन्द का लाल थारी,
महिमा है अपरम्पारि,
गावे है नर नारी।
नन्द को गोपाल,
माता यशोदा को लाल,
प्यारो सवरियो सरकार,
वृंदावन में आज,
मीठी बंसी बजावे महारों श्याम,
मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम।।
नन्द को गोपाल,
माता यशोदा को लाल,
प्यारो सवरियो सरकार,
वृंदावन में आज,
मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम,
मीठी बंसी बजावे म्हारो श्याम।।
Singer : Manish Tiwari
