- – यह गीत भगवान कृष्ण के बाल्यकाल की मनमोहक झलक प्रस्तुत करता है, जिसमें कान्हा माखन की मटकियां फोड़ते हुए दिखाए गए हैं।
- – गीत में कान्हा को नंद बाबा का लाला, मोहन मुरली वाला और काला जी के रूप में संबोधित किया गया है।
- – कान्हा की मुरली की मधुर धुन और राधा के साथ उनकी जोड़ी की महिमा का वर्णन किया गया है।
- – गीत में कान्हा के गोकुल में खेल-कूद और सखियों के साथ मस्ती भरे पल चित्रित किए गए हैं।
- – यशोदा माता द्वारा कान्हा की लाड़-प्यार और उनकी सुंदरता का भी उल्लेख है।
- – यह भजन प्रकाश माली जी द्वारा गाया गया है और तरुण वैष्णव द्वारा प्रेषित किया गया है।

कान्हा गोकुल का गेला में,
माखन की वो मटकियां फोड़े जी,
ओ नंद जी के लाला,
ओ नंद जी के लाला कान्हा,
मोहन मुरली वाला,
अरे मैं गोरी रे गटक,
थे काला जी ओ नंद जी के लाला,
थे तो नंद बाबा का लाला,
थे तो मोहन मुरली वाला।।
सखिया सरवर ऊपर नावे,
कान्हो लारे लारे आवे,
गुजरिया को चिर चुरावे जी,
ओ नंद जी के लाला,
अरे मैं गोरी रे गटक,
थे काला जी ओ नंद जी के लाला,
थे तो नंद बाबा का लाला,
थे तो मोहन मुरली वाला।।
थे मुरली मीठी बजावो,
थे राधा ने समजावो,
पीछे मुड़ मुड़ दे गया गाना जी,
ओ नंद जी के लाला,
ओ नंद जी के लाला कान्हा,
मोहन मुरली वाला,
अरे मैं गोरी रे गटक,
थे काला जी ओ नंद जी के लाला,
थे तो नंद बाबा का लाला,
थे तो मोहन मुरली वाला।।
थे मात यशोदा रा लाला,
नंद बाबा लाड़ लड़ाया,
थारो रूप गणो है कालो जी,
ओ नंद जी के लाला कान्हा,
मोहन मुरली वाला,
अरे मैं गोरी रे गटक,
थे काला जी ओ नंद जी के लाला,
थे तो नंद बाबा का लाला,
थे तो मोहन मुरली वाला।।
राधा कृष्ण की है जोड़ी,
महिमा गाय जितरी गोरी,
भगवान सहाय गुण गया जी,
ओ नंद जी के लाला,
ओ नंद जी के लाला कान्हा,
मोहन मुरली वाला,
अरे मैं गोरी रे गटक,
थे काला जी ओ नंद जी के लाला,
थे तो नंद बाबा का लाला,
थे तो मोहन मुरली वाला।।
कान्हा गोकुल का गेला में,
माखन की वो मटकियां फोड़े जी,
ओ नंद जी के लाला,
ओ नंद जी के लाला कान्हा,
मोहन मुरली वाला,
अरे मैं गोरी रे गटक,
थे काला जी ओ नंद जी के लाला,
थे तो नंद बाबा का लाला,
थे तो मोहन मुरली वाला।।
स्वर – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – तरुण वैष्णव
9030847884
