- – यह भजन भगवान कृष्ण (मोहन) की बंसी की महिमा का वर्णन करता है, जो यमुना नदी की धारा की तरह मधुर और जीवनदायिनी है।
- – भजन में बताया गया है कि मोहन निर्धनों, सुदामा जैसे मित्रों और दुर्जनों तक की सुनते हैं और उनका उद्धार करते हैं।
- – कंस जैसे शत्रु को भी मोहन ने बचाया, जिससे उनकी दया और करुणा का पता चलता है।
- – भक्तों की भक्ति से मोहन उनकी तकदीर बदलते हैं, जैसे मीरा की भक्ति को स्वीकार किया गया।
- – भजन गायक सनोज सागर द्वारा प्रस्तुत किया गया है और इसमें भक्ति भाव और मोहन के प्रति समर्पण व्यक्त किया गया है।

मोहन तेरी बंसी तो,
यमुना की धारा,
हर धुन से तुमने तो,
लाखों को तारा है,
मोहन तेरी बँसी तो,
यमुना की धारा।bd।
तर्ज – राधे तेरे चरणों की।
सुनते है की तुम मोहन,
निर्धन की भी सुनते हो,
तेरा मित्र सुदामा था,
उसको भी संवारा है,
मोहन तेरी बँसी तो,
यमुना की धारा।bd।
हर ओर ये चर्चा है,
दुर्जन की भी सुनते है,
तेरा कंस जो मामा था,
उसको भी उबारा है,
मोहन तेरी बँसी तो,
यमुना की धारा।bd।
दिल से जो तुझे चाहे,
तक़दीर बदलते हो,
तेरी भक्त जो मीरा थी,
उसको भी स्वीकारा है,
मोहन तेरी बँसी तो,
यमुना की धारा।bd।
मैं भी तेरा सेवक हूँ,
मेरा भी उद्धार करो,
मेरी जीवन नैया का,
तू ही एक सहारा है,
Bhajan Diary Lyrics,
मोहन तेरी बँसी तो,
यमुना की धारा।bd।
मोहन तेरी बंसी तो,
यमुना की धारा,
हर धुन से तुमने तो,
लाखों को तारा है,
मोहन तेरी बँसी तो,
यमुना की धारा।bd।
गायक – सनोज सागर।
