- – यह गीत भक्ति और समर्पण की भावना से भरा है, जिसमें गायक अपने अंतिम समय में सांवरे (भगवान) से करुणा की प्रार्थना करता है।
- – गंगा में बहाए जाने की इच्छा जीवन के अंत में शांति और मोक्ष की प्रतीक है।
- – खाटू धाम का उल्लेख गायक की आस्था और भक्ति को दर्शाता है, जहां वह अंतिम संस्कार के लिए बुलाए जाने की कामना करता है।
- – गीत में भगवान को पिता, माता, बहन, भाई और जीवन का पहला और अंतिम सहारा बताया गया है, जो गहरे प्रेम और श्रद्धा को दर्शाता है।
- – जीवन के सुख-दुख, हंसी और आंसुओं को भगवान के साथ बिताने की इच्छा व्यक्त की गई है।
- – यह गीत भक्ति संगीत के माध्यम से जीवन, मृत्यु और आध्यात्मिकता के विषयों को खूबसूरती से प्रस्तुत करता है।

मुझे ओ सांवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का।
बुझे जब दीप नेनो के,
छवि इनमे तुम्हारी हो,
ना हो मेला जमाने का,
ना हो मेला जमाने का,
प्रभु हो और पुजारी हो,
निभाई आज तक जैसे,
बस ऐसी ही निभा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
पिता तूम हो तुम्ही माता,
तुम्ही बहना हो भाई हो,
ओं सावरिया तुम्ही पहली,
ओं सावरिया तुम्ही पहली,
तुम्ही अंतिम कमाई हो,
तुम्हे मैं चाहता हूँ,
अपने ह्रदय में छुपा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
गँवा दी जिंदगी मैंने,
जमाने से निभाने में,
कभी हसने हसाने में,
कभी हसने हसाने में,
कभी रोंने रुलाने में,
बचे बाकि जो पल चाहूँ,
मैं तेरे संग बिता लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
मुझे ओ सांवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना,
मैं जब लूँ आखरी सांसे,
मुझे खाटू बुला लेना,
मुझे ओ साँवरे करुणा की,
गंगा में बहा लेना।।
Singer : Sandeep Bansal
