- – गीत में श्याम भगवान के प्रति गहरा प्रेम और भक्ति व्यक्त की गई है, जो हर रिश्ते में सखा, भाई और यार की तरह निभाते हैं।
- – पिता की ममता और सुरक्षा की तुलना श्याम से की गई है, जो हर दुख और मुश्किल को दूर करते हैं।
- – खाटू नगर के प्रति गायक का विशेष लगाव दिखाया गया है, जहाँ आकर उसे शांति और चैन मिलता है।
- – श्याम के दरबार को गायक अपना संसार मानता है और हर ग्यारस (पावन दिन) पर वहां बुलाया जाना अपनी पूरी मनोकामना की पूर्ति समझता है।
- – यह गीत भक्ति, श्रद्धा और आत्मीयता के भावों से परिपूर्ण है, जो जन्मों के पुराने नाते की अनुभूति कराता है।

मुझसे तो हर रिश्ता श्याम निभाता है,
जाने कौन से जन्मो का ये मेरा नाता है,
यार सखा भाई कभी ये बन जाता है,
यार सखा भाई कभी ये बन जाता है,
जाने कौन से जन्मो का ये मेरा नाता है।।
तर्ज – तुझको ना देखूं तो दिल।
ममता की लोरी गाकर सुलाता,
हर गम पिता की तरह उठाता,
भाई सखा ये बनकर के मेरा,
दूर करे हर मुश्किल का घेरा,
दूर करे हर मुश्किल का घेरा,
भाई बड़ा बन के कभी ये समझाता,
जाने कौन से जन्मो का ये मेरा नाता है।।
देखा है जब से खाटू नगर को,
भुला हूँ दुनिया के हर शहर को,
माथे से माटी इसकी लगाऊ,
कहता है दिल ना खाटू से जाऊ,
कहता है दिल ना खाटू से जाऊ,
खाटू मुझे आकर के चैन आता है,
जाने कौन से जन्मो का ये मेरा नाता है।।
मुझ पे करम ये इसका हुआ है,
पूरी हुई हर दिल की दुआ है,
खाटू दरबार ही मेरा संसार है,
‘शर्मा’ का सब कुछ श्याम सरकार है,
‘शर्मा’ का सब कुछ श्याम सरकार है,
हर ग्यारस पर मुझको खाटू बुलाता है,
जाने कौन से जन्मो का ये मेरा नाता है।।
मुझसे तो हर रिश्ता श्याम निभाता है,
जाने कौन से जन्मो का ये मेरा नाता है,
यार सखा भाई कभी ये बन जाता है,
यार सखा भाई कभी ये बन जाता है,
जाने कौन से जन्मो का ये मेरा नाता है।।
Singer : Sanjay Gulati
