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- – यह गीत मुरली वाले (कृष्ण) की याद और उनकी प्रतीक्षा की भावनाओं को दर्शाता है।
- – गीत में प्रेम और भक्ति की गहराई से कृष्ण के आने की पुकार की गई है।
- – राधा और गोपियों द्वारा कृष्ण को बुलाने और उनके साथ रास रचाने का वर्णन है।
- – गीत में कृष्ण के प्रति विश्वास और प्रेम की भावना स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई है।
- – भावुकता और विरह की पीड़ा के साथ कृष्ण के आने की आशा जताई गई है।

मुरली वाले आजा तेरी याद सताये,
तर्ज – चला भी आ आजा रसिया
छुपा कहाँ आजा छलिया,
मुरली वाले आजा तेरी याद सताये,
मेरा ये भरोसा कही टूट ना जाये॥॥
मन ये पुकारे आ दील के सहारे,
नैना हमारे तेरा रस्ता निहारे रे,
हर पल बेचारे,
छुपा कहाँ आजा छलिया,
मूरली वाले आजा तेरी याद सताये॥॥
दील की ये धड़कन गीत तेरे गाये,
रोती है अंखिया नीर बहाये रे,
केसे समझाये,
छुपा कहाँ आजा छलिया,
मूरली वाले आजा तेरी याद सताये॥॥
नैह भी लगाया प्रीति लगायी,
प्यारे कन्हैया मेरे कृष्ण कन्हाई,
दूँ मै दुहाई,
छुपा कहाँ आजा छलिया,
मूरली वाले आजा तेरी याद सताये॥॥
राधा बुलाये गोपीया बुलाये,
आओ कन्हैया हम रास रचाये रे,
अनु हर्शाये,
छुपा कहाँ आजा छलिया,
मूरली वाले आजा तेरी याद सताये॥॥
https://www.youtube.com/watch?v=_qCKSSeCc6Q
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
