- – नया साल मनाने के लिए डिस्को या होटल जाने की बजाय साँवरिया (कृष्ण) के दर पर जश्न मनाने की बात कही गई है।
- – भजनों और मीठे गीतों के माध्यम से कृष्ण की सूरत और उनकी मोहकता को याद किया गया है।
- – भजनों की धुन पर नाचने-गाने का आनंद लिया जाएगा, जिससे दुनिया के सारे दुःख भूल जाएंगे।
- – कृष्ण के साथ समय बिताने और उनकी भक्ति में लीन रहने को प्राथमिकता दी गई है।
- – यह गीत भक्ति और आनंद के साथ नए साल का स्वागत करने का संदेश देता है।

ना डिस्को जाएंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे,
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
तर्ज – सावन का महीना।
मीठे मीठे भजनों से,
तुझको रिझाए,
साँवली सूरत पे कान्हा,
दिल को लुभाए,
तेरी मोरछड़ी का,
झाड़ा लगवाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
भजनों की धुन पे यूँ,
ठुमके लगाए,
दुनिया के सारे दुःख,
हम भूल जायेंगे,
खुद तो नाचे बाबा,
तुझको भी नचाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
ना डिस्को जाएंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे,
ना डिस्को जायेंगे,
ना होटल जाएंगे,
नया साल साँवरिया,
तेरे दर पे मनाएंगे।।
