भजन

ना ही किनारा ना ही सहारा किसी की ना दरकार भजन लिरिक्स – Na Hi Kinara Na Hi Sahara Kisi Ki Na Darkar Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now
  • – यह गीत आत्मविश्वास और भरोसे की भावना को दर्शाता है, जहाँ व्यक्ति को किसी बाहरी सहारे या किनारे की आवश्यकता नहीं होती जब उसके साथ उसका प्रिय या भगवान होता है।
  • – गीत में जीवन की कठिनाइयों और मझधारों का उल्लेख है, जहाँ व्यक्ति को कई बार संघर्ष करना पड़ता है, लेकिन भगवान के साथ होने से वह सब पार कर जाता है।
  • – “श्याम” शब्द भगवान कृष्ण के लिए उपयोग किया गया है, जो संकट के समय में सहारा और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
  • – गीत का मुख्य संदेश है कि जब भगवान या प्रिय साथ हो तो किसी और सहारे की जरूरत नहीं होती, और वह व्यक्ति हर परिस्थिति में मजबूत रहता है।
  • – यह गीत भक्ति और विश्वास की भावना को प्रोत्साहित करता है, जो जीवन के उतार-चढ़ाव में स्थिरता और शांति प्रदान करता है।

Thumbnail for na-hi-kinara-na-hi-sahara-lyrics

ना ही किनारा ना ही सहारा,
किसी की ना दरकार,
जो संग में तू मेरे,
जो संग में है तू मेरे,
जो संग में है तू मेरे,
ना ही किनारा ना हीं सहारा,
ना ही किनारा ना हीं सहारा,
किसी की ना दरकार,
जो संग में तू मेरे।।

तर्ज – हनुमान भरोसा तेरा है।



क्या करना है किनारे का,

क्या करना है सहारे का,
भव से वो तो पार हुआ,
जो नौकर इस प्यारे का,
नदी किनारे नैया डूबी,
नदी किनारे नैया डूबी,
देखि सौ सौ बार,
प्रभु क्या खेल तेरे,
ना ही किनारा ना हीं सहारा,
किसी की ना दरकार,
जो संग में तू मेरे।।



जिसपे भरोसा करते थे,

काम मेरे वो आएगा,
देगा मुझे सहारा वो,
नैया पार लगाएगा,
उनके चलते अटक गई थी,
उनके चलते अटक गई थी,
नैया मेरी मझधार,
प्रभु क्या खेल तेरे,
ना ही किनारा ना हीं सहारा,
किसी की ना दरकार,
जो संग में तू मेरे।।

यह भी जानें:  शिव भजन: भोले डमरु बजा दो एक बार - Shiv Bhajan: Bhole Damru Baja Do Ek Baar - Bhajan: Shiv Bhajan: Bhole Damru Baja Do Ek Baar - Hinduism FAQ


नैया ले मझधार खड़ा,

याद आई मुझे तब तेरी,
मेरे हाथ को थाम लिया,
पलभर भी ना की देरी,
‘श्याम’ कहे उस दिन से मेरा,
‘श्याम’ कहे उस दिन से मेरा,
बन गया पालनहार,
प्रभु क्या खेल तेरे,
ना ही किनारा ना हीं सहारा,
किसी की ना दरकार,
जो संग में तू मेरे।।



ना ही किनारा ना ही सहारा,

किसी की ना दरकार,
जो संग में तू मेरे,
जो संग में है तू मेरे,
जो संग में है तू मेरे,
ना ही किनारा ना हीं सहारा,
ना ही किनारा ना हीं सहारा,
किसी की ना दरकार,
जो संग में तू मेरे।।

स्वर – संजय मित्तल जी।


अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may also like