- – जीवन में भक्ति और राम नाम का महत्व बताया गया है, जो मुक्ति और शक्ति का स्रोत है।
- – बिना भक्ति और आध्यात्मिकता के जीवन को व्यर्थ और खोया हुआ माना गया है।
- – माया और सांसारिक वस्तुओं की अस्थिरता पर प्रकाश डाला गया है, जो अंततः मिट्टी में मिल जाती हैं।
- – जीवन की नश्वरता और मृत्यु की अनिवार्यता को स्वीकार करने का संदेश दिया गया है।
- – सच्चे अर्थों में जीवन जीने के लिए आध्यात्मिकता और भक्ति को अपनाने की प्रेरणा दी गई है।
ना राम नाम लीनो,
तेने भरी जवानी में,
तू डूब के मर जा रे,
चुल्लू भर पानी में।।
क्या लायो माटी में,
मिल जायगो माटी में,
एक दिन काया तेरी,
कस जाएगी काठी मैं
पानी को बबूला है,
मिल जाएगो पानी में
तू डूब के मर जा रे,
चुल्लू भर पानी में।।
ना राम नाम लीनो,
ना कृष्ण नाम लीनो,
ना हरी नाम लीनो,
तेने भरी जवानी मैं,
तू डूब के मर जा रे,
चुल्लू भर पानी में।।
क्यो करता मेरा मेरा,
यहा कुछ भी नही है तेरा,
एक दिन होगा भैया ,
तेरा मरघट मे डेरा,
कुछ कमाई के ले जा रे,
कुछ कमाई नही पायो,
ऐसी जिंदगानी में,
तू डूब के मर जा रे,
चुल्लू भर पानी में।।
कर सच्ची भक्ति है,
भक्ति में शक्ति है
या भक्ति से भैया,
मिल जाएगी मुक्ति है,
तेने बाला पन खोयो
सारा जीवन खोयो
यू आना कानी मैं,
तू डूब के मर जा रे,
चुल्लू भर पानी में।।
ना राम नाम लीनो,
तेने भरी जवानी में,
तू डूब के मर जा रे,
चुल्लू भर पानी में।।