- – गुरुजी के आशीर्वाद और संरक्षण से जीवन में कोई डर नहीं रहता।
- – सतगुरु के चरणों में अनुभव और विचार से मन को शांति मिलती है।
- – सतगुरु परोपकारी होते हैं जो मुक्ति का मार्ग खोलते हैं और शीतल शब्दों से प्रेम और निर्मलता प्रदान करते हैं।
- – सतगुरु से मिलने पर ज्ञान, वेद, और हरि मिलन का मार्ग प्राप्त होता है।
- – प्रभुनाथ गुरु पूर्ण रूप से मिलकर जीवन को सही दिशा देते हैं और संत जनों का मार्गदर्शन करते हैं।
- – गुरुजी के प्रकाश से हृदय में उजाला होता है और जीवन में भय का अंत होता है।

ना डर कोई बात का,
मेरे सिर पर हाथ गुरुजी का,
गुरु प्रकाश कियो हिरदा में,
मेरे सिर पर हाथ गुरु जी रा।।
सतगुरु जी रे चरणों में,
अनुभव किया विचारा रे,
हरदम हर गट में दरसे,
नहीं लागे जमरा लिंगरा रे,
ना डर कोईं बात रा,
मेरे सिर पर हाथ गुरुजी का,
गुरु प्रकाश कियो हिरदा में,
मेरे सिर पर हाथ गुरु जी रा।।
परोपकारी सतगुरु दाता,
खुले मुक्ति रा द्वारा,
शीतल शब्द तन जारा,
निर्मल प्रसीया प्रीतम प्यारा,
ना डर कोईं बात रा,
मेरे सिर पर हाथ गुरुजी का,
गुरु प्रकाश कियो हिरदा में,
मेरे सिर पर हाथ गुरु जी रा।।
सतगुरु मिले तो सब विधि पावे,
ज्ञान वेद अधिकार,
हरि मिलन री राय बतावे,
सदगुरुदेव दीदार,
ना डर कोईं बात रा,
मेरे सिर पर हाथ गुरुजी का,
गुरु प्रकाश कियो हिरदा में,
मेरे सिर पर हाथ गुरु जी रा।।
प्रभुनाथ गुरु पूरा मिलिया,
शब्द दिया तत सारा,
नैन नाथ गुरु जी की महिमा,
संत जन लीजो सुधारा,
ना डर कोईं बात रा,
मेरे सिर पर हाथ गुरुजी का,
गुरु प्रकाश कियो हिरदा में,
मेरे सिर पर हाथ गुरु जी रा।।
ना डर कोई बात का,
मेरे सिर पर हाथ गुरुजी का,
गुरु प्रकाश कियो हिरदा में,
मेरे सिर पर हाथ गुरु जी रा।।
– गायक एवं प्रेषक –
Kundan kumar
