- – यह भजन भगवान श्री कृष्ण (श्याम) के प्रति प्रेम और भक्ति को दर्शाता है।
- – भजन में नैना नीचा करने का भाव है, जो प्रेमी की शरम और विनम्रता को दर्शाता है।
- – गीत में राधा और कृष्ण की सुंदरता, मेहंदी, चूड़ियां, पायल जैसी पारंपरिक छवियों का वर्णन है।
- – भजन में व्रज की रमणीयता और कृष्ण की महिमा का गुणगान किया गया है।
- – यह भजन श्याम के प्रति गहरे भावनात्मक जुड़ाव और भक्ति की अभिव्यक्ति है।

नैणा नीचा करले श्याम से,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले।।
अरे गोरा गोरा हाथा में,
रच रही मेहंदी,
अरे हाए राधा झालो देर,
बुलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले,
नैणा नीचा करले श्याम सु,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले।।
अरे तीखा तीखा नैना में,
झीणो झीणो सूरमो,
नैना सू नैना,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले,
नैणा नीचा करले श्याम सु,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले।।
अरे गोरा गोरा हाथा में,
हरी हरी चूड़िया,
बहिया सू बहिया,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले,
नैणा नीचा करले श्याम सु,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले।।
गोरा गोरा पगल्या में,
बाज रही पायल,
थोडो सो नाच,
दिखावेली काई रे,
नैणा नीचा करले,
नैणा नीचा करले श्याम सु,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले।।
अरे चंद्र सखी,
व्रज बालक की शोभा,
अरे हर्ष हर्ष,
गुण गावेली काई रे,
नैणा नीचा करले,
नैणा नीचा करले श्याम सु,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले।।
नैणा नीचा करले श्याम से,
मिलावेली काई रे,
नैणा नीचा करले।।
– भजन प्रेषक –
Subhash Sharma Bhattkotri
9983718750
