- – यह भजन कजरारे, मोटे मोटे नैनों की सुंदरता और आकर्षण का वर्णन करता है।
- – भजन में आँखों की सुंदरता को देखकर “नजर ना लग जाये” की चिंता व्यक्त की गई है।
- – भजन में प्रेम और आकर्षण की भावनाएँ गहराई से प्रकट होती हैं, जिसमें प्रेमी की जिगर घायल होने की बात कही गई है।
- – भजन में बाँके बिहारी (भगवान कृष्ण) के कजरारे नैनों की महिमा का गुणगान किया गया है।
- – यह भजन प्रेम और भक्ति का संगम है, जिसमें सौंदर्य और आध्यात्मिकता का मेल दिखता है।

नजर ना लग जाये भजन,
श्लोक – ओ मोटे मोटे नैनन के तू ,
ओ मीठे मीठे बैनन के तू
साँवरी सलोनी सूरत के तू ,
ओ प्यारी प्यारी मूरत के तू।
ओ कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये,
बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये।।
काजल की कोरे – ओय होय होय,
मेरा जिगर मरोड़े – ओय होय होय,
रंग रस में भोरे – ओय होय होय,
मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये।।
आँखों का काजल – ओय होय होय,
मेरा जिगर है घायल – ओय होय होय,
तेरे प्यार में पागल – ओय होय होय,
कर डारि रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये।।
तेरे मुकुट की लटकन – ओय होय होय,
तेरे अधर की मुस्कन – ओय होय होय,
गिरवह की मटकन – ओय होय होय,
बलिहारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,
हाय नजर ना लग जाये।।
तेरी प्रीत है टेडी – ओय होय होय,
तेरी रीत है टेडी – ओय होय होय,
तेरी जीत है टेडी – ओय होय होय,
मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाये।।
बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन
हाय नजर ना लग जाये – ओय होए होय
ओय नजर ना लग जाये – ओय होए होय
हाय नजर ना लग जाये – ओय होए होय
