- – यह भजन “नखरारौ सांवरियो” प्रभु से भक्ति और दर्शन की तीव्र इच्छा व्यक्त करता है।
- – भजन में भक्तों की पीड़ा, उनकी परीक्षा और प्रभु से दया की प्रार्थना की गई है।
- – प्रभु को दयालु और संकट मोचन बताया गया है, जो पल भर में बिगड़ी हुई बातें सुधार सकते हैं।
- – भजन में प्रभु के सुंदर मुखड़े का वर्णन है और उनसे नजर हटाने की विनती की गई है।
- – यह भजन विनोद कुमार जी द्वारा भजन डायरी ऐप से जोड़ा गया है और भक्तों को भी अपना भजन साझा करने के लिए प्रेरित करता है।
नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है,
नैनों के भरे प्याले,
प्रभु दर्शन को तरसते है,
नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
तर्ज – आ लौट के आजा मेरे मीत।
तुम हो दयालु मालिक हमारे,
भगतों की तुम कब सुनोगे,
बुझने लगी है नैनों की ज्योति,
कब तक उजाले करोगे,
बिगड़ी हुई बातों को,
प्रभु पल भर में बनाते हो,
नखरारो सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
कब तक रहोगे अन्जान हमसे,
कितनी परिक्षा तुम लोगे,
चलने लगी है दिल पे कटारी,
भगतों की तुम कब सुनोगे,
अपने भगतो की प्रीत की रीत,
प्रभु आकर के निभा जाओ,
नखरारो सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
चन्दा से सुंदर मुखड़ा तुम्हारा,
लागे ना तोहे नजरिया,
आजा मुरारी नजर उतारू,
ले ले के तौरी नजरिया,
इक बार तो आ जाओ,
काहै मन को दुखाते हो,
नखरारो सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है,
नैनों के भरे प्याले,
प्रभु दर्शन को तरसते है,
नखरारौ सांवरियो,
तुझे तेरे दास बुलाते है।।
यह भजन विनोद कुमार जी
9212067422 द्वारा भजन डायरी,
ऍप से जोड़ा गया। आप भी अपना भजन,
पूरा लिखकर यहाँ जोड़ सकते है।
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