मुख्य बिंदु
- – यह गीत बारिश की छम छम की आवाज़ के बीच माँ अम्बे के दर पर भक्तों के आने और उनकी भक्ति को दर्शाता है।
- – भक्त विभिन्न परिस्थितियों से आए हैं, जैसे बूढ़ी माँ, बच्चे, तनहा व्यक्ति और पूरा परिवार, सभी माँ से आशीर्वाद की उम्मीद लेकर।
- – बारिश को अमृत समान बताया गया है जो पापों को धोकर इंसान को शुद्ध करता है।
- – दुःख और तकलीफों के बाद ही सुख और भक्ति का सार प्राप्त होता है, जो माँ अम्बे के दर पर आकर मिलता है।
- – गीत में माँ से मेहरबानी और आशीर्वाद की प्रार्थना की गई है ताकि सभी की झोलियाँ भर जाएं।
- – भक्ति और श्रद्धा के माध्यम से जीवन में सुख, शांति और प्रेम की प्राप्ति की कामना व्यक्त की गई है।

भजन के बोल
बारिशों की छम छम में
बारिशों की छम छम में,
तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे,
झोलियाँ सबकी भर दे ।
बिजली कड़क रही है,
हम थम के आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे,
झोलियाँ सबकी भर दे ॥
कोई बूढी माँ के संग आया,
कोई तनहा हुआ तैयार ।
कोई आया भक्तो की टोली में,
कोई पूरा परिवार ।
सबकी आँखे देख रही,
कब पहुंचे तेरे द्वार ।
छोटे छोटे बच्चो को,
संग लेकर आए है ॥
बारिशों की छम छम में,
तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे,
झोलियाँ सबकी भर दे ॥
काली घनघोर घटाओ से,
जम जम कर बरसे पानी ।
आगे बढ़ते ही जाना है,
भक्तो ने यही है ठानी ।
सबकी आस यही है,
के मिल जाए तेरा प्यार ।
भीगी भीगी पलकों पर,
सपने सजाए है ॥
बारिशों की छम छम में,
तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे,
झोलियाँ सबकी भर दे ॥
तेरे ऊँचे भवन पे माँ अम्बे,
रहते है लगे मेले ।
मीठा फल वो ही पाते है,
जो तकलीफे झेले ।
दुःख पाकर ही सुख मिलता है,
भक्ति का ये सार ।
मैया तेरे दरश के,
दिवाने आए है ॥
बारिशों की छम छम में,
तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे,
झोलियाँ सबकी भर दे ॥
रिम झिम ये बरस रहा पानी,
अमृत के लगे समान ।
इस अमृत में भीगे पापी,
तो बन जाए इंसान ।
कर दे मैया रानी कर दे,
हमपे भी उपकार ।
हमने भी जयकारे,
जम जम के लगाए है ॥
बारिशों की छम छम में,
तेरे दर पे आए है ।
मेहरावाली मेहरा कर दे,
झोलियाँ सबकी भर दे ॥
