- – यह भजन भगवान कृष्ण की भक्ति में रचा गया है, जिसमें उनकी लीलाओं और रूप का वर्णन है।
- – भजन में कृष्ण को “नागर नंदा” और “कृष्ण कन्हइया” के नाम से पुकारा गया है।
- – भजन में कृष्ण की बृंदावन में रास रचाने, पीताम्बर पहनने और गोपियों के साथ खेलने का उल्लेख है।
- – भजन में भक्त की कृष्ण के प्रति गहरी प्रीत और भक्ति व्यक्त की गई है।
- – यह भजन ‘राजस्थानी भजन डायरी’ से लिया गया है और इसमें भक्तों को अपना भजन भेजने का भी आग्रह किया गया है।

नेडा नेडा रेजो दूर मती जईजो,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
कृष्ण कन्हइया रे,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
नागर नंदा रे।।
सब देवा रे मय आप बड़े हो,
ज्यूँ तारा रे मय चंदा,
मारा नागर नंदा,
नेड़ा नेडा रेजो दूर मती जईजो,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
कृष्ण कन्हइया रे,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
नागर नंदा रे।।
आप सिधाए हरी द्वारका जी,
माने भलाय गया घर रा,
धंधा नागर नंदा,
नेड़ा नेडा रेजो दूर मती जईजो,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
कृष्ण कन्हइया रे,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
नागर नंदा रे।।
मोर मुकुट पीताम्बर सोवे,
ऊपर फूल सुघन्दा,
मारा नागर नंदा,
नेड़ा नेडा रेजो दूर मती जईजो,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
कृष्ण कन्हइया रे,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
नागर नंदा रे।।
बृंदावन में रास रचायो,
खेले गोपी चन्दा मारा नागर नंदा,
नेड़ा नेडा रेजो दूर मती जईजो,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
कृष्ण कन्हइया रे,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
नागर नंदा रे।।
बाई मीरा केवे प्रभु,
गिरिधर नागर,
तुम शायर हम तेरा बंदा नागर नंदा,
नेड़ा नेडा रेजो दूर मती जईजो,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
कृष्ण कन्हइया रे,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
नागर नंदा रे।।
नेडा नेडा रेजो दूर मती जईजो,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
कृष्ण कन्हइया रे,
लागोड़ी प्रीत निभाइजो मारा,
नागर नंदा रे।।
यह भजन ‘गोपीकिशन जी,
+917829998404′ द्वारा,
‘राजस्थानी भजन डायरी’ से,
जोड़ा गया। आप भी अपना पूरा भजन,
टाइप करके,
वीडियो लिंक के साथ भेज सकते है।
