- – यह गीत भगवान कृष्ण (कान्हा) की आराधना और उनके प्रति प्रेम और भक्ति को दर्शाता है।
- – गीत में कृष्ण की अनुपस्थिति में व्याकुल और बेचैन मन की व्यथा व्यक्त की गई है।
- – श्याम (कृष्ण) के बिना जीवन सूना और अधूरा बताया गया है, जिससे दिल को चैन नहीं मिलता।
- – गीत में कृष्ण से माफी मांगने और उनके पुनः आगमन की प्रार्थना की गई है।
- – भावनात्मक और भक्तिपूर्ण भाषा में कृष्ण के नाम की पुकार और उनकी मुरली की मधुरता का उल्लेख है।
- – यह गीत प्रेम, विरह और भक्ति की भावनाओं को सुंदरता से प्रस्तुत करता है।

ओ कान्हा रे आजा रे,
तर्ज – ओ यारा वे ओ यारा वे।
श्लोक – श्याम है मेरी आत्मा,
श्याम है दिल के चैन,
श्याम नहीं जिनमे बसे,
सूने है वो नैन।
ओ कान्हा रे आजा रे,
ओ कान्हा रे आजा रे,
नाम तेरा पुकारूँ,
दिल को कैसे सम्भालूं,
ढूंढ़ती व्याकुल अँखियाँ,
ढूंढ़ती व्याकुल अँखियाँ,
राह तेरी निहारूँ,
ओ काँन्हा रे आजा रे,
ओ कान्हा रे आजा रे।।
आग बनी सावन की वर्षा,
फुल बने अंगारे,
छोड़ गया निर्मोही मुझको,
जियूँ मैं किसके सहारे,
गम की दे दी निशानी,
प्रीत मेरी ना जानी,
तेरे बिन ओ कन्हैया,
तेरे बिन ओ कन्हैया,
ख़तम मेरी कहानी,
ओ काँन्हा रे आजा रे,
ओ कान्हा रे आजा रे।।
तारे गिन गिन के सांवरिया,
कब तक रात बिताऊं,
ओ मेरे दिल के चैन तेरे बिन,
चैन कहाँ से पाऊँ,
मुरली अब की बजा जा,
प्यारे एक बार आजा,
उजड़ी मेरे दिल की दुनिया,
उजड़ी मेरे दिल की दुनिया,
इसे फिर से बसा जा,
ओ काँन्हा रे आजा रे,
ओ कान्हा रे आजा रे।।
ऐसी खता हुई क्या मुझसे,
बन गया तू निर्मोही,
सजा मिली किस बात की फिर ये,
सोच के आँखे रोइ,
मेरे ब्रजराज प्यारे,
छुपा तू जा कहाँ रे,
अगर कोई मुझसे हो गई,
अगर कोई मुझसे हो गई,
खता कर दे क्षमा रे,
ओ काँन्हा रे आजा रे,
ओ कान्हा रे आजा रे।।
ओ काँन्हा रे आजा रे,
ओ कान्हा रे आजा रे,
नाम तेरा पुकारूँ,
दिल को कैसे सम्भालूं,
ढूंढ़ती व्याकुल अँखियाँ,
ढूंढ़ती व्याकुल अँखियाँ,
राह तेरी निहारूँ,
ओ काँन्हा रे आजा रे,
ओ कान्हा रे आजा रे।।
Singer / Lyrics – Brajraj Thakurji
