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- – गीत में प्रेम और समर्पण की भावना प्रकट की गई है, जहां व्यक्ति अपने साथी के प्रति गहरा प्यार और आभार व्यक्त करता है।
- – गीत का मुख्य विषय साथी के प्रति विश्वास, खुशी और जीवन में उसकी अहमियत को दर्शाता है।
- – गीत में साथी की ममता, स्नेह और सुरक्षा की कामना की गई है, जो जीवन को सुखमय बनाती है।
- – सरल और भावपूर्ण भाषा में रिश्तों की गहराई और अपनापन व्यक्त किया गया है।
- – गीत के स्वर कनिष्क भईया जी ने दिए हैं, जो भावनाओं को और भी प्रभावशाली बनाते हैं।

ओ लाड़ली ओ लाड़ली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
तर्ज – ओ साहिबा।
छोड़ के सब कुछ मैं,
बरसाने आया,
चरणों में दे दो जगह,
मैं कब घबराया,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
मुझे सब खुशियाँ मिली,
तुझसा साथी मिला,
एहसान तेरा श्यामा,
नहीं कोई शिकवा गिला,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
तेरे सिवा अब तो,
कुछ भी नहीं भाता,
हर पल मैं सोचूँ,
तुमसे है क्या नाता,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
यही तमन्ना है,
तू ममता लुटाती रहे,
रख गोद में सर मेरा,
मुझे लोरी सुनाती रहे,
ओ लाडली ओ लाडली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
ओ लाड़ली ओ लाड़ली,
ओ लाडली ओ लाडली।।
स्वर – कनिष्क भईया जी।
अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।
