- – यह गीत श्याम बाबा (कृष्ण) के प्रति भक्ति और समर्पण की अभिव्यक्ति है, जिसमें जीवन के अंत में उनकी छवि को निहारने की इच्छा व्यक्त की गई है।
- – गीत में जीवन के अंतिम क्षणों में श्याम बाबा के चरणों में समर्पित होने और पापों से मुक्ति पाने की प्रार्थना की गई है।
- – भक्ति भाव के साथ यह भी कहा गया है कि सांसें चलती रहें तब तक झूठी प्रीत और जीवन की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
- – गीत में श्याम बाबा की मुरली की मधुरता और उनके प्रेम की मिठास का वर्णन है, जो भक्त के जीवन को सुखमय बनाती है।
- – अंत में, भक्त ने श्याम बाबा से एक विनम्र अरदास की है कि जब वे इस दुनिया को छोड़ें, तो उनकी छवि उनके सामने बनी रहे और वे श्याम बाबा के चरणों की सेवा कर सकें।

मेरे श्याम बाबा,
मेरे श्याम बाबा सुनलो,
एक अरज ये मेरी,
छोड़ के जाऊँ जब मैं दुनिया सांवरे,
पलक निहारूं छवि तेरी,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।।
तर्ज – राम तेरी गंगा मैली।
अंतिम सांस हो जब सांवरिया,
मुख से श्याम ही निकले,
बुझ जाए दीपक जब जीवन का,
चरणों में तन पिघले,
मेरे पाप मिटा दो,
सारी बंदिशे हटा दो,
बाबा तेरा धाम पाउँ,
मेरी जिन्दगी घटा दो,
काट दो कन्हैया मेरी,
काट दो कन्हैया मेरी,
जनम जनम की फेरी,
छोड़ के जाऊं जब मैं दुनिया सांवरे,
पलक निहारूँ छवि तेरी,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।।
भूलें ना ये दुनिया तुझको,
तेरा दास कहाऊँ,
टूटे दम जब चरण कमल को,
तकिया श्याम बनाऊ,
फिर नींद ना आए,
कोई रोग ना सताए,
मैं ना तड़पूं कन्हैया,
जो तू गोद में उठाए,
मीठी मीठी बाजे,
मीठी मीठी बाजे,
श्याम मुरलिया तेरी,
छोड़ के जाऊं जब मैं दुनिया सांवरे,
पलक निहारूँ छवि तेरी,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।।
जब तक चलती सांसे दुनिया,
झूठी प्रीत दिखाए,
तन से मन का,
साथ जो टूटे,
अपने करीब ना आए,
जब हो अपने पराए,
मेरी आँख भर आए,
बाबा दर्द जहाँ मिलता,
ऐसा प्रेम क्यों बनाए,
‘सोनी’ को देना बाबा,
चरणों की सेवा तेरी,
छोड़ के जाऊं जब मैं दुनिया सांवरे,
पलक निहारूँ छवि तेरी,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।।
मेरे श्याम बाबा,
मेरे श्याम बाबा सुनलो,
एक अरज ये मेरी,
छोड़ के जाऊँ जब मैं दुनिया सांवरे,
पलक निहारूं छवि तेरी,
श्याम बाबा, श्याम बाबा,
श्याम बाबा, श्याम बाबा।।
स्वर – श्याम सलोना (कोटा)
