- – यह गीत मुरली मनोहर (श्री श्याम) के प्रति गहरे प्रेम और भक्ति को दर्शाता है, जो कभी कम नहीं होती।
- – खाटू नगर जाकर श्री श्याम के दर्शन करने से मन को शांति और संतोष मिलता है।
- – मुरलीधर (कृष्ण) संकटों को दूर करते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
- – भक्त मिलकर होली खेलते हैं, ढोल-मृदंग बजाकर श्री श्याम को प्रसन्न करते हैं।
- – जीवन में सफलता और इच्छाओं की पूर्ति के लिए श्री श्याम के दर्शन और भक्ति आवश्यक मानी गई है।
- – गीत में प्रेम और भक्ति की महत्ता को बार-बार दोहराया गया है कि जिसने भी मोहन का प्यार पाया, वह कभी उसे नहीं छोड़ता।

पाया है पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार,
श्री श्याम से मिलने को,
रहते है बेकरार,
खाटू नगर जाके ही,
मिलता है मन को करार,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।
तर्ज – देखा है पहली बार।
बिगड़ी बना दे,
सभी संकट मिटा दे,
उन्हें जो कोई जाके,
अपनी विनती सुना दे,
वो बड़े नामवर है,
उनकी सब पे नजर है,
जो चाहे मांग लो,
देते सब मुरलीधर है,
जो चाहे मांग लो,
देते सब मुरलीधर है,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।
भक्तो की टोली,
खेले हिल मिल के होली,
सभी रंग और गुलाल से,
अपनी भर भर के झोली,
सबके मन में उमंग है,
नाचते लेके चंग है,
श्याम जी को रिझाते,
बजाके ढोल और मृदंग है,
श्याम जी को रिझाते,
बजाके ढोल और मृदंग है,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।
चल चल तू भी ‘शर्मा’,
दर्शन उनका पा ले,
चलके जीवन को अपने,
अब सफल तू बना ले,
है यहाँ लीले धारी,
कृष्ण मोहन मुरारी,
जो भी मांगो मिलेगा,
जो है इच्छा तुम्हारी,
जो भी मांगो मिलेगा,
जो है इच्छा तुम्हारी,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।
पाया है पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार,
श्री श्याम से मिलने को,
रहते है बेकरार,
खाटू नगर जाके ही,
मिलता है मन को करार,
पाया हैं पहली बार,
जिसने भी मोहन का प्यार,
छोड़ा नहीं वो कभी,
मुरली मनोहर का द्वार।।
Singer : Lakkha Ji
