भजन

पिछम धरा में राजा रामदेव वे जोधा अजमल वाला भजन लिरिक्स – Pichham Dhara Mein Raja Ramdev Ve Jodha Ajmal Wala Bhajan Lyrics – Hinduism FAQ

धर्म दर्शन वॉट्स्ऐप चैनल फॉलो करें Join Now
  • – यह गीत राजा रामदेव की महिमा और उनके भक्तों के प्रति उनकी कृपा का वर्णन करता है, जो जोधा अजमल के रूप में प्रसिद्ध हैं।
  • – गीत में रामदेव जी की दिव्यता, उनकी अखंड ज्योत और भक्तों की शरण में आने की प्रेरणा को उजागर किया गया है।
  • – गणपति, शिवजी, ब्रह्मा जैसे देवताओं का उल्लेख करते हुए रामदेव जी की पूजा और उनकी शक्तियों का वर्णन किया गया है।
  • – प्रकृति की सुंदरता और जीवों की खुशी के माध्यम से रामदेव जी के आगमन और उनके प्रभाव को दर्शाया गया है।
  • – गीत में भक्तों को जागने और रामदेव जी की महिमा का गुणगान करने का आह्वान किया गया है।
  • – यह रचना श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रस्तुत की गई है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को समर्पित है।

Thumbnail for picham-dhara-su-raja-ramdev-lyrics-in-hindi

पिछम धरा में राजा रामदेव,
वे जोधा अजमल वाला।

श्लोक – पूंगलगढ़ रा उजड्या बाग़ में ,
जद तंदुरो खनकायो,
डाल डाल में सरगम गुंजी ,
पत्तो पत्तो हर्षायो।
लेवे वारना मनसा मालन ,
जद शरणा शीश निवायो,
सुन सुन कलिया गजरो बनायो ,
मारा बाबा ने पहरायो।।



पिछम धरा में राजा रामदेव,

वे जोधा अजमल वाला,
दड़िया रमता देत मारियो,
बालीनाथ ने है प्यारा,
राम रणुजे रात पधारी,
अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
मनसा मालन गुण थारा गावे,
उठो कंवर पेरो माला रे।।



रनक भवन में गणपति जागा,

देव निराला सुंडाला,
विघ्नविनाशक मंगल दाता,
रिद्धि रिद्धि का है संगवाला,
राम रणुजे रात पधारी,
अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
मनसा मालन गुण थारा गावे,
उठो कंवर पेरो माला रे।।



कैलाश पर्वत शिवजी विराजे,

वे जोधा निराकार,
जटा मुकुंट में गंगा विराजे,
पार्वती ने है प्यारा,
राम रणुजे रात पधारी,
अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
मनसा मालन गुण थारा गावे,
उठो कंवर पेरो माला रे।।

यह भी जानें:  देख सकता है श्याम कुछ भी होते हुए भजन लिरिक्स - Dekh Sakta Hai Shyam Kuch Bhi Hote Hue Bhajan Lyrics - Hinduism FAQ


ब्रह्म लोक में ब्रह्मा जागे,

सात समंदर रखवाला ।
पल में दाता सृस्टि रसाई,
ए दाता रसने वाला ।।
राम रणुजे रात पधारी,
अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
मनसा मालन गुण थारा गावे,
उठो कंवर पेरो माला रे।।



चुन चुन कलियॉ माला बनाई,

डाल डाल में जनकारा,
कोयल मीठा गीत सुनावे,
बोले मोरिया मतवाला,
राम रणुजे रात पधारी,
अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
मनसा मालन गुण थारा गावे,
उठो कंवर पेरो माला रे।।



रुणिजे रा राजा रामदेव,

खोलो थी भक्तारा ताला,
हरी शरणे भाटी हरजी बोलिया,
आप धणी हो रखवाला,
राम रणुजे रात पधारी,
अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
मनसा मालन गुण थारा गावे,
उठो कंवर पेरो माला रे।।



पिछम धरा में राजा रामदेव,

वे जोधा अजमल वाला,
दड़िया रमता देत मारियो,
बालीनाथ ने है प्यारा,
राम रणुजे रात पधारी,
अखंड ज्योत मालिक थारी रे,
मनसा मालन गुण थारा गावे,
उठो कंवर पेरो माला रे।।

“श्रवण सिंह राजपुरोहित द्वारा प्रेषित”
सम्पर्क : +91 9096558244


अस्वीकरण (Disclaimer) : नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर HinduismFAQ में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। 'HinduismFAQ' इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है।

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

You may also like